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सड़क हादसा: घर पहुंची भाई के मौत की खबर, फिर देखने निकले भाई भी नहीं लौटे वापस

jantaserishta.com
9 Dec 2022 7:08 AM GMT
सड़क हादसा: घर पहुंची भाई के मौत की खबर, फिर देखने निकले भाई भी नहीं लौटे वापस
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

दोनों भाइयों की चंद घंटों के अंतराल में हुई मौत से परिवार सदमे में तो हैं ही, इलाके के लोग भी इस दर्दनाक घटना से हतप्रभ हैं.
देवरिया: देवरिया जिले में कुछ घंटों के भीतर ही दो सगे भाइयों की अलग-अलग सड़क हादसों में मौत से गांव में कोहराम मच गया है. छोटा भाई मोटरसाइकिल पर निमंत्रण से घर लौट रहा था कि बिहार के जीरादेई में सड़क हादसा हो गया और जान चली गयी. जब यह खबर कानपुर में बड़े भाई को मिली तो वह तुंरंत कार से देवरिया के लिए निकला, लेकिन उन्नाव के पास कार का पहिया ब्लास्ट होने से कार अनियंत्रित हो गई और बड़े भाई की भी मौत हो गई. इस तरह दोनों भाइयों की चंद घंटों के अंतराल में हुई मौत से परिवार सदमे में तो हैं ही, इलाके के लोग भी इस दर्दनाक घटना से हतप्रभ हैं.
गौरतलब है कि थाना भाटपाररानी के छतरपुर गांव के रहने वाले दिवंगत भगीरथी के पांच बेटे हैं. जिनके नाम रमाशंकर गौड़, उमाशंकर गौड़, गौरी गौड़, सीताराम गौड़ और दिलीप गौड़ हैं.
मंगलवार को दिलीप गौड़ (उम्र 45) गांव के ही अपने साथी रामकेवल शर्मा के साथ मोटरसाइकिल से बिहार राज्य के जीरादेई निमंत्रण में गए थे. देर शाम दोनों वापस लौट रहे थे कि विजयीपुर चौराहे के पास अज्ञात वाहन की चपेट में आने से दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए. दोनों घायलों को मैरवा के नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां दिलीप को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया, जबकि उनके दोस्त रामकेवल शर्मा को बीआरडी गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया, जहां वह अभी भी जिंदगी की जंग लड़ रहा है.
दिलीप की मौत की खबर जब घरवालों को हुई तो पूरा परिवार शोक में डूब गया. घरवालों ने इस दुःखद घटना की सूचना कानपुर में रह रहे दूसरे नंबर के भाई उमाशंकर गौड़ (उम्र 65) को दी, तो वह उसी रात परिवार समेत अपनी कार से घर के लिए निकल पड़े. लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था. उमाशंकर उन्नाव के पास ही पंहुचे थे कि कार का पहिया ब्लास्ट कर गया और कार अनियंत्रित होकर सड़क किनारे गड्ढे में चली गई.
इस हादसे में उमाशंकर की भी मौत हो गई. जबकि उनकी घायल पत्नी कानपुर के अस्पताल में भर्ती हैं. हादसे में ड्राइवर को भी चोट आई है. उमाशंकर का कानपुर में ही पोस्टमार्टम हुआ और परिजनों ने वहीं अंतिम संस्कार कर दिया. जबकि छोटे भाई दिलीप का बुधवार की रात देवरिया के जिरासो घाट पर अंतिम संस्कार हुआ.
छतरपुर के पूर्व ग्राम प्रधान राजेश कुमार सिंह ने बताया, भाइयों में उमाशंकर गौड़ दूसरे नंबर के थे और कानपुर की गन फैक्ट्री में पहले नौकरी करते थे. रिटायर होकर कानपुर में ही परिवार समेत रहते थे. जबकि दिलीप गौड़ भाइयों में सबसे छोटे थे और देवरिया ही गांव पर रहकर हलवाई का काम करते थे. इनकी बेटी की अगले वर्ष शादी तय थी. दो भाइयों की असामयिक मौत परिवार पर तो दुखों का पहाड़ टूटा ही है. गांव के लोग भी सदमे में डूब गए हैं.
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