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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मेरठ (Meerut) के रहने वाले अमरपाल और रेशमा ने सात फेरे लेकर सात जन्म का साथ निभाने की कसम खाई थी
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मेरठ (Meerut) के रहने वाले अमरपाल और रेशमा ने सात फेरे लेकर सात जन्म का साथ निभाने की कसम खाई थी. दोनों ने जिंदगी में एक-दूसरे को सहारा देने का वादा किया था और जिंदगी की अंतिम सांस तक ये वादा निभाया और दोनों ही दुनिया को एक साथ अलविदा कहा. असल में सड़क हादसे में दोनों की मौत के बाद परिजनों ने अमरपाल और उनकी पत्नी रेशा की एक ही चिता को मुखाग्नि दी और अंतिम संस्कार किया.
जानकारी के मुताबिक अमरपाल सलारपुर गांव का रहने वाला थे और सैनी मिल में काम करते थे. उनके परिवार में पत्नी रेशा के अलावा 15 साल का बेटा और बेटी है. जो दोनों की मौत के बाद अनाथ हो गए हैं. असल में सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल अमरपाल की अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई थी, जबकि इलाज के दौरान रेशमा की मौत हो गई. परिजनों ने बताया कि वह जब रेशा के पास अस्पताल पहुंचे तो घर के किसी भी सदस्य ने उन्हें अमरपाल की मौत की जानकारी नहीं दी. लेकिन पति की मौत के कुछ ही घंटों के बाद उनकी भी मौत हो गई. पुलिस ने गुरुवार को अमरपाल और उनकी पत्नी रेशा का पोस्टमार्टम किया गया और इसके बाद उनके परिजन दोनों के शवों गांव सलारपुर ले गए.
दोनों का एक ही चिता पर किया अंतिम संस्कार
जानकारी के मुताबिक गांव के श्मशान में पति-पत्नी के लिए सिर्फ एक चिता बनाई गई और दोनों का अंतिम संस्कार एक साथ किया गया. इस मामले में पुलिस को शिकायत दी गई है. फिलहाल दुर्घटना में दोनों की मौत के बाद पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और स्थानीय लोगों ने पुलिस से आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है.
बाइक से घर जा रहे थे अमरपाल और रेशा
जानकारी के मुताबिक अमरपाल और रेशा गंगानगर के सलारपुर गांव के दोनों निवासी थे और बुधवार को बाइक से किला परिक्षितगढ़ गए थे और वहां से रात में दोनों घर लौट रहे थे. लेकिन भावनपुर क्षेत्र में किसी वाहन ने दोनों को टक्कर मार दी और दोनों को रौंद दिया. जिसमें अमरपाल की मौके पर मौत हो गई. जबकि रेशा की मौत अस्पताल में इलाज के दौरान हुई.
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