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पहाड़ से लेकर मैदान तक मानसून (Monsoon) का सितम जारी है. बिहार में भी भारी बारिश से नदियां उफान पर हैं (Flood in Bihar). जिसके बाद पटना, बेगूसराय और भागलपुर में गंगा नदी (Ganga River) के बढ़ते जलस्तर से नदी के पास रहने वाले लोगों ने डर से अपने घरों को छोड़ना शुरू कर दिया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- पहाड़ से लेकर मैदान तक मानसून (Monsoon) का सितम जारी है. बिहार में भी भारी बारिश से नदियां उफान पर हैं (Flood in Bihar). जिसके बाद पटना, बेगूसराय और भागलपुर में गंगा नदी (Ganga River) के बढ़ते जलस्तर से नदी के पास रहने वाले लोगों ने डर से अपने घरों को छोड़ना शुरू कर दिया है. पटना में कई घाटों पर गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वहीं दक्षिण पटना क्षेत्र के एक बड़े हिस्से में बाढ़ आ गई है. जिसके बाद लोगों में दहशत का माहौल है.
शनिवार को पटना के गांधी घाट और दीघा में नदी खतरे के निशान से क्रमश: 68 सेंटीमीटर और 2 सेंटीमीटर ऊपर आ गई, जबकि हाथीदाह और कहलगांव में यह खतरे के निशान से क्रमश: 56 सेंटीमीटर और 44 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी. जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "नदी में जल स्तर लगभग दो सेंटीमीटर प्रति घंटे बढ़ रहा है, नदी से बाढ़ का पानी अगले 24 घंटों में और अधिक इलाकों में फैल सकता है."
नालंदा में पंचाने नदी का कहर
वहीं पंचाने नदी (Panchane river) का जलस्तर भी बढ़ रहा है और नालंदा के कई बाढ़ प्रभावित इलाकों में कहर बरपा रहा है, जिससे दर्जनों पंचायतों के लोगों को पलायन कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ रहा है. झारखंड में रुक-रुक कर हो रही बारिश और पुनपुन और दर्धा के कैचमैंट एरिया की वजह से दक्षिण पटना क्षेत्र के एक बड़े हिस्से में बाढ़ आ गई है.
उत्तर बिहार में लोग सड़कों पर रहने को मजबूर
गंडक(Gandak), बूढ़ी गंडक(Burhi Gandak) , बागमती (Bagmati) और कोसी में आई बाढ़ के कारण पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, मधुबनी, सीतामढ़ी और सारण सहित उत्तर बिहार क्षेत्रों के सैकड़ों ग्रामीण सड़कों पर रहने को मजबूर हैं. पीने योग्य पानी और खाने की सामान्य कमी के अलावा, बाढ़ के कारण विस्थापित हुए लोगों को मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था करने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं सीतामढ़ी के सोनबरसा गांव के मूल निवासी राम बालक रजक का कहना है कि "लगभग एक सप्ताह हो गया है जब हम सरकार से राहत की प्रतीक्षा कर रहे हैं। अधिकारी आते हैं, लेकिन केवल आश्वासन के साथ."
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