आरजी कर मामला : सीबीआई जांच से उठ रहा जूनियर डॉक्टरों का भरोसा
डब्ल्यूबीजेडीएफ के प्रतिनिधि और इस मुद्दे पर जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन का प्रमुख चेहरा बन चुके देबाशीष हलदर ने कहा कि मामले में सीबीआई की जांच की प्रकृति शुरू से ही एकतरफा लग रही थी, जो उसके पहले आरोपपत्र से स्पष्ट है। केंद्रीय एजेंसी ने आरोपपत्र में बलात्कार और हत्या के अपराध में केवल नागरिक स्वयंसेवक को ही मुख्य आरोपी बताया है। हलदर ने बुधवार रात को सीबीआई कार्यालय के सामने मशाल रैली और विरोध-प्रदर्शन के अंत में कहा, "सीबीआई की एकतरफा जांच ने हमें और साथ ही पीड़िता के माता-पिता को चिंतित कर दिया है कि संदीप घोष कम से कम बलात्कार और हत्या के मामले में सजा से बच सकता है।"
सीबीआई घोष के खिलाफ दो समानांतर जांच कर रही है। पहली जांच आर.जी. कर में वित्तीय अनियमितताओं के मामले में, और दूसरी बलात्कार और हत्या के मामले में। दूसरे मामले में, घोष और ताला थाना के पूर्व एसएचओ अभिजीत मंडल के खिलाफ मुख्य आरोप जांच को गुमराह करने और सबूतों से छेड़छाड़ करने का है। आर.जी. कर ताला थाना क्षेत्र में आता है। मामले की प्रारंभिक जांच कोलकाता पुलिस द्वारा की जा रही थी, लेकिन बाद में कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया गया।