रीवा। अधिवक्ता एवं समाज सेवी विजय मिश्रा के बिजली आन्दोलन की आग ने अब विधुत विभाग बनाम प्रशासन को आमने-सामने खड़ा कर दिया है। चुनावी अधिसूचना जारी होते ही जैसे ही प्रशासन पर दबाव खत्म हुआ वैसे ही अधिकारी अपनी कलम चलाने लगे हैं। एक तरफ डीजीपी भोपाल बिजली आन्दोलन के मुद्दे पर जानकारी चाही है। वहीं दूसरी ओर कमिश्नर रीवा संभाग रीवा ने अपने पत्र क्रमांक – 4576/बी में मुख्य अभियंता विद्युत विभाग को एडवोकेट विजय मिश्रा के बिन्दुओं पर आवश्यक कार्रवाई कर अवगत कराने हेतु लिखा गया है। इस पत्र का जवाब नियत समय पर मुख्य अभियंता द्वारा न दिए जाने पर कमिश्नर रीवा के कार्यालय से यह जवाब दिया गया है कि मुख्य अभियंता को पत्र भेजा गया है। प्रतिवेदन आज दिनांक तक अप्राप्त है।
गौर किए जाने योग्य है कि कमिश्नर महोदय के पत्रों का जवाब तक मुख्य अभियंता न दें अर्थात कुछ गडबड है। विदित हो कि धरने में बैठे विजय मिश्रा का कहना है कि विधुत उपभोक्ताओं का स्वीकृति भार 1 किलोवाट से बढ़ाकर 2 किलोवाट कर शासन की छूट की योजना से वंचित कर दिया गया। इसी प्रकार 2 किलोवाट वाले उपभोक्ताओं का भार 3 किलोवाट कर, मनमाना एवरेज बिल जारी कर विधुत उपभोक्ताओं को परेशान किया जा रहा। विधुत अधिनियम की आड़ में शोषण किया जाना उचित नहीं है। इस प्रकार के क्रत्यों पर दोषी विधुत कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज किया जाना चाहिए। बुधवार को अनशन के 357 वें दिन विजय मिश्रा के समर्थन में समाजसेवी विष्णुकांत विश्वकर्मा, सत्याग्रही डा.तोषण सिंह, राजेश कुमार चतुर्वेदी,राजमणि पांडेय,विष्णु सोनी, एड.मिथिलेश यादव,राजकुमार सिंह,प्रकाश श्रीवास्तव,अमरदीप सोनी,एड.कुलदीप सिंह, मो.समीम,रामधनी कुशवाहा,किसान मोर्चा अध्यक्ष सुब्रत मणि त्रिपाठी,एड.रंगेश सिंह, एड.सुधीर सिंह, एड.अनिल सिंह, एड.गौरव सिंह,एड.अरुण सिंह,राजेंद्र कुमार चौरसिया,दुर्गेश तिवारी, लक्ष्मी नारायण, लालमणि तिवारी जिला पंचायत सदस्य,एड.दीपक गुप्ता आदि गणमान्य नागरिक रीवा कमिश्नर कार्यालय के सामने धरना स्थल में उपस्थित हुए।