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खुलासा: ओला ऐप के जरिए सफर करने वालों के लिए जरुरी खबर, ऐसे हो रही है ठगी

jantaserishta.com
26 Nov 2020 8:23 AM GMT
खुलासा: ओला ऐप के जरिए सफर करने वालों के लिए जरुरी खबर, ऐसे हो रही है ठगी
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फाइल फोटो 


बीते 1 नवंबर को मुंबई पुलिस ने तीन ओला कैब ड्राइवरों (Ola Cab Drivers) को खास तरह की ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया. इन ड्राइवरों ने ओला ऐप की एक तकनीकी खराबी (ग्लिच) का फायदा उठाते हुए यात्रियों से निर्धारित डेस्टिनेशन की दूरी बढ़ाकर उनसे ज्यादा किराया वसूला था. इस मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच ने अब तक तीन कैब ड्राइवरों को गिरफ्तार भी किया है. गिरफ्तार कैब ड्राइवर ने बताया कि उसने ऐप में हुई तकनीकी खराबी (ग्लिच) का पता लगा लिया था और उसका फायदा उठाना चाहता था. कम से कम 40 कैब ड्राइवरों ने इस तरह की ठगी को अंजाम दिया था.

जानिए कैसे ठगते हैं ये आपको

तकनीकी खराबी (ग्लिच) के दौरान ड्राइवर की ऐप में जब गाड़ी किसी ब्रिज या फ्लाईओवर के नीचे होती थी तब GPS में वह ब्रिज के ऊपर चलती हुई दिखती थी. इस दौरान ठगी करने के लिए ड्राइवर ऐप को ब्रिज के नीचे रहने तक की दूरी तक बंद कर दिया करते थे और ब्रिज क्रॉस करने के बाद ऐप को फिर से चालू कर देते थे जिससे GPS रीरूट करने के लिए नया रास्ता ढूंढता था और इस तरह दूरी बढ़ जाती थी और इसके साथ किराया भी बढ़ जाता था.

610 रुपये के बदले लिए 1200 रुपये

पूछताछ में पता चला कि ड्राइवरों ने ठगी के लिए मुंबई एयरपोर्ट से पनवेल के रूट को चुना था क्योंकि इस रूट में सबसे ज्यादा ब्रिज और फ्लाईओवर हैं. जांच के दौरान पुलिस ने बताया कि ठगी का शिकार यात्रियों को निर्धारित किराये से दोगुना किराया चुकाना पड़ा. पनवेल जाने वाले यात्री को जहां 610 रुपये चुकाने पड़ते थे वहीं ठगी के दौरान उसे 1240 रुपये देने पड़े.

यात्री नहीं करते शिकायत

क्या किराया इतना ज्यादा बढ़ने के बाद भी यात्रियों को इस ठगी का शक नहीं हुआ? बिल्कुल हुआ, यात्रियों ने इसकी शिकायत जब ड्राइवर से की तो उन्होंने कस्टमर केयर से बात करने की सलाह देते हुए लोगों को टाल दिया. कई बार तो लोगों ने इसकी शिकायत भी नहीं की और ड्राइवर ठगी को अंजाम देते रहे. कुछ मामलों में ड्राइवरों पर जुर्माना भी लगाया गया था लेकिन इससे कुछ खास फर्क नहीं पड़ा.

इस मामले में मुंबई पुलिस ने ओला के सीनियर अधिकारी को पूछताछ के लिए तलब किया और उनसे यह पूछा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए कंपनी क्या कदम उठाएगी. उनका कहना था कि हम इस मामले की पूरी जांच कर रहे हैं और पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि तकनीकी खराबी (ग्लिच) को कैसे दूर करें.

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