दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान आवागमन के लिए रुपये लेकर ई-कर्फ्यू पास बनाने के फर्जीवाड़े का मामला प्रकाश में आया है। यह ई-कर्फ्यू पास किसी आम नागरिक ने नहीं बल्कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम के एक पार्षद ने बनवाया है। पूर्वी दिल्ली से एक निगम पार्षद ने इस संबंध में ई-कर्फ्यू पास की फोटो और एक वीडियो के साथ उत्तर-पूर्व जिला के डीएम को लिखित शिकायत दी है। जानकारी के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान ई-कर्फ्यू पास लेने के लिए जहां जरूरतमंद लोगों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। वहीं, कुछ रुपये देकर यह पास चंद मिनटों में बनाए जा रहे हैं। इसके लिए किसी कागज की भी जरूरत नहीं है। बस ऑनलाइन आवेदन करने वाले साइबर कैफे वाले को रुपये देने होंगे।
बताया गया कि अनेक दुकानदारों के ई-पास रद्द कर दिए गए, लेकिन जो लोग साइबर कैफे वाले व्यक्ति को एक हजार रुपये रिश्वत जमा करा देते हैं उनका ई-पास आसानी से और कुछ ही समय में तैयार कर दिया जाता है। इस मामले की तह तक पहुंचने के लिए रघुबरपुरा वार्ड के निगम पार्षद श्याम सुंदर अग्रवाल चंद्र नगर अनारकली स्थित एम.के. सॉल्यूशन नाम के एक साइबर कैफे में पहुंचे। वहां मौजूद राहुल नामक युवक से उन्होंने ई-पास बनाने के लिए कहा तो पहले उसने आधार कार्ड, दुकान का लाइसेंस, कन्वर्जन फीस स्लिप सहित अन्य दस्तावेजों की मांग की।
उन्होंने कहा कि उनके पास आधार कार्ड के अलावा और कुछ दस्तावेज नहीं है। इस पर राहुल ने कहा कि फिर तो एक हजार रुपये खर्च करने होंगे और 15 मिनट बाद ई-पास मिल जाएगा। इस पर काफी देर तक सौदेबाजी होती रही, लेकिन साइबर कैफे वाला नहीं माना। इसके बाद जब पार्षद उसे एक हजार रुपये देने को राजी हो गए तो महज कुछ ही समय में श्याम सुंदर अग्रवाल निवासी एक्स-939 -ए चांद मोहल्ला गांधी नगर के पते पर ई-पास जारी कर दिया गया।
इस संबंध में पार्षद का कहना है कि यह ई-पास उत्तर-पूर्व जिला डीएम कार्यालय की तरफ से जारी किया गया है, जबकि उनका घर डीएम पूर्वी दिल्ली गीता कॉलोनी कार्यालय क्षेत्र में आता है। डीएम गीतिका शर्मा का कहना है कि उन्हें इस बारे में शिकायत मिली है और वह इस मामले की पूरी जांच करा रही हैं।