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सांकेतिक तस्वीर
आने-जाने वाली रेलवे लाइन के ट्रैक की भी सूरत को बदल दिया है।
नई दिल्ली: कहते हैं ना कि अगर आप कुछ करने की ठान लो तो उस चीज को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। फिर बेशक वो कितना मुश्किल काम क्यों न हो। ऐसा ही एक 'चमत्कार' सेना के रिटायर्ड फौजी ने कर दिखाया है। उन्होंने रेलवे की उपेक्षित जमीन को सेना के पूर्व जवान ने हरा-भरा कर दिया है। थाईलैंड के बोनसाई से लेकर अलग-अलग किस्म के पौधे और पेड़ लहरा रहे हैं। प्रगति मैदान रेलवे ट्रैक के पास पौधों की एक नर्सरी भी बनाई है। साथ ही स्टेशन से गाजियाबाद की ओर आने-जाने वाली रेलवे लाइन के ट्रैक की भी सूरत को बदल दिया है।
पूर्व जवान कालीचरण ने बताया कि 25 हजार वर्ग मीटर की जमीन का सौंदर्यीकरण किया है। यहां आसपास के क्षेत्र में बने अंडरपास के कार्य का मलबा पड़ा था। करीब 500 डंपर की मदद से मलबा उठवाया गया है। इसके बाद यहां थाईलैंड से 200-250 बोनसाई मंगवाकर लगवाई। इसके साथ ही स्नेक, कोचिया, फरकेरिया, क्रोटन सहित कई ऋतु वाले पौधे लगाए गए हैं। रेलवे ट्रैक के आसपास के क्षेत्र में भी एक लाख से ज्यादा पौधे लगाए गए हैं।
कालीचरण ने बताया कि यह जमीन हरित क्षेत्र विकसित करने के लिए मिली थी। इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया। उपेक्षित जमीन को हरा-भरा किया। काफी हद तक कार्य पूरा हो चुका है। हरियाली होने से ट्रैक के पास से गंदगी भी खत्म हो गई है।
पूर्व जवान ने बताया कि वर्ष 1981 से लेकर 1990 तक वह सेना में रहे। इसके बाद से जगह-जगह पौधरोपण के कार्य में जुट गए। रेलवे की इस जमीन को हरा-भरा बनाने का कार्य शौकिया तौर पर किया। जमीन पर एक नर्सरी भी बनाई गई है। इसका इस्तेमाल सिर्फ सरकारी संस्थानों को पौधे देने के लिए है। क्षेत्र के सौंदर्यीकरण के बाद से लोग भी इसको देखने के लिए यहां पहुंच रहे हैं।
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