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रिटायर्ड हेडमास्टर की मौत, ली थी कोरोना की जादुई दवा, किया था ये दावा

jantaserishta.com
31 May 2021 11:28 AM GMT
रिटायर्ड हेडमास्टर की मौत, ली थी कोरोना की जादुई दवा, किया था ये दावा
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क्यों चर्चा में आई थी दवा?

आंध्र प्रदेश के नेल्लूर जिले के सरकारी अस्पताल में कोरोना के खिलाफ जादुई दवा खाने वाले रिटायर्ड हेडमास्टर का निधन हो गया. कोटा मंडल के थिनेलापुडी गांव के रहने वाले एन कोटैया ने एक वायरल वीडियो में चमत्कारी दवा लेने के 10 मिनट के भीतर 'ऑक्सीजन स्तर में सुधार' का दावा किया था.

नेल्लोर स्थित कृष्णापट्टनम गांव में कोरोना से लड़ने के लिए लोगों को एक कथित जादुई आयुर्वेदिक दवा दी जा रही थी. इस दवा को बी आनंदैया ईश ने तैयार किया था. बुजुर्ग ने इसी दवा को लिया था और वीडियो में दावा किया था उनका ऑक्सीजन स्तर पहले से बेहतर हो रहा है.
नेल्लूर के सरकारी अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर सुधाकर रेड्डी ने कहा कि वे कई अन्य बीमारियों का सामना कर रहे थे. सोमवार सुबह उनकी मौत हो गई. इस दवा का वितरण आयुर्वेदिक चिकित्सक बी आनंदैया द्वारा किया जा रहा है, जो कभी गांव के सरपंच हुआ करते थे और बाद में मंडल परिषद के सदस्य बने.
स्वास्थ्य सेवा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि आनंदैया की टीम के 5 में से 3 सदस्यों की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इसी गांव के 24 से ज्यादा लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं, जिनमें कोरोना संक्रमण के लक्षण पाए गए हैं. नमूने आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए भी भेजे गए हैं.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने दवा के असर पर समीक्षा बैठक की थी और स्थानीय आयुर्वेदिक मिश्रण को कोविड के इलाज में परमिट करने का फैसला भी किया था. हालांकि आनंदैया द्वारा विकसित आई ड्रॉप्स को मंजूरी नहीं दी गई थी. इसके नतीजों का इंतजार अब भी है. राज्य सरकार ने यह निर्णय केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) की रिपोर्ट पर लिया था.
क्यों चर्चा में आई थी दवा?
आंध्र प्रदेश में यह दवा तब चर्चा में आई जब यहां दावा किया गया कि आयुर्वेदिक दवा से कोरोना के मरीज ठीक हो रहे हैं. सीएम जगन ने इस दवा को आनन-फानन में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद भेजने का फैसला किया था. आनंदैया ने इसे जड़ी-बूटियों के सहारे तैयार किया था. इस दवा से वे कोरोना संक्रमितों और फेफड़ों के रोग से जूझ रहे लोगों का इलाज कर रहे थे.

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