नयी दिल्ली। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की निर्यात-आयात (एक्जिम) पर राष्ट्रीय समिति के चेयरमैन संजय बुधिया ने कहा है कि भारतीय निर्यातकों को अमेरिका द्वारा वरीयता की सामान्यीकृत प्रणाली (जीएसपी) लाभ की बहाली के लिए शीघ्र समाधान आज समय की जरूरत है, क्योंकि इससे द्विपक्षीय व्यापार को और तेजी से बढ़ाने में मदद मिलेगी। भारत और अमेरिका घरेलू निर्यातकों के लिए वरीयता की सामान्यीकृत प्रणाली लाभ की बहाली की मांग पर चर्चा करने को सहमत हो गए हैं। इससे घरेलू निर्यातकों को फायदा होगा।
अमेरिका में पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने 2019 में भारत के लिए जीएसपी को रद्द कर दिया था। जीएसपी पात्र विकासशील देशों को अमेरिका को शुल्क मुक्त वस्तुओं के निर्यात की अनुमति देता है। बुधिया ने कहा कि जीएसपी के तहत अमेरिकी आयात का लगभग दो-तिहाई हिस्सा कच्चे माल, कलपुर्जे या मशीनरी और उपकरणों के रूप में होता है। इनका उपयोग अमेरिकी कंपनियों द्वारा घरेलू उपभोग या निर्यात के लिए वस्तुओं के विनिर्माण में किया जाता है।
बुधिया पैटन ग्रुप के प्रबंध निदेशक भी हैं। उन्होंने कहा, “दोनों पक्ष परस्पर चर्चा करने और समाधान खोजने के लिए सहमत हुए हैं। जल्द से जल्द समाधान समय की मांग है।’’ उन्होंने कहा कि चूंकि दोनों देशों के बीच सहयोग के बड़े अवसर हैं, इसलिए 2030 तक 500 अरब डॉलर के व्यापार लक्ष्य को हासिल करने के लिए आर्थिक भागीदारी को तेजी से आगे बढ़ाने की जरूरत है।