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राजपथ का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित, सामने आया ये वीडियो
jantaserishta.com
7 Sep 2022 7:30 AM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
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नई दिल्ली: राजपथ अब से अपने नए नाम कर्तव्यपथ से जाना जाएगा. NDMC ने अपनी बैठक में इसे मंजरी दे दी है. केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताते हुए सभी देशवासियों को बधाई दी है. उन्होंने कहा, राजपथ का नाम बदलने का फैसला मातृभूमि की सेवा करने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है.
राजपथ राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक का रास्ता है, जिसकी लंबाई 3 किलोमीटर है. राजपथ पर ही हर साल गणतंत्र दिवस पर परेड निकलती है. केंद्र सरकार ने हाल ही में इसका नाम बदलकर कर्तव्यपथ करने का फैसला किया. इस पर अंतिम मुहर लगाने के लिए आज नई दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (NDMC) ने बैठक बुलाई थी. बैठक में नाम बदलने के प्रस्ताव पर मुहर लग गई है. अब इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन की पूरी सड़क और क्षेत्र को 'कर्तव्यपथ' के नाम से जाना जाएगा.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत विजय चौक से इंडिया गेट तक सेंट्रल विस्टा एवेन्यू बनकर तैयार हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 सितंबर को इसका उद्घाटन करेंगे. इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक राजपथ के दोनों ओर के क्षेत्र को सेंट्रल विस्टा कहते हैं. अब राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्यपथ कर दिया गया है.
#WATCH | Delhi: Visuals from the redeveloped Kartavya Path that will soon be opened for public use pic.twitter.com/YUoNXFToRL
— ANI (@ANI) September 7, 2022
तीसरी बार राजपथ का नाम बदला गया है. ब्रिटिश शासन में इस सड़क का नाम किंग्सवे (Kingsway) हुआ करता था. आजादी के बाद इसका नाम बदलकर 'राजपथ' कर दिया गया, जो किंग्सवे का ही हिंदी अनुवाद है. अब इसका नाम बदलकर कर्तव्यपथ कर दिया गया.
राजपथ का क्या है इतिहास?
- 1911 में जब अंग्रेजों ने अपनी राजधानी कोलकाता से दिल्ली बनाई, तो नई राजधानी को डिजाइन करने का जिम्मा एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर को दिया गया. 1920 में राजपथ बनकर तैयार हुआ था. तब इसे किंग्सवे यानी 'राजा का रास्ता' कहा जाता था.
- 1905 में लंदन में जॉर्ज पंचम के पिता के सम्मान में एक सड़क बनाई गई थी, जिसका नाम किंग्सवे रखा गया था. उन्हीं के सम्मान में दिल्ली में जो सड़क बनाई गई, उसका नाम भी किंग्सवे रखा गया. जॉर्ज पंचम 1911 में दिल्ली आए थे, जहां उन्होंने नई राजधानी की घोषणा की थी.
- आजादी के बाद इसका नाम बदलकर 'राजपथ' रखा गया. हालांकि, ये किंग्सवे का ही हिंदी अनुवाद था. 75 सालों से राजपथ पर ही गणतंत्र दिवस की परेड हो रही है. अब केंद्र सरकार ने इसका नाम बदलकर 'कर्तव्यपथ' रखने का फैसला लिया है.
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