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फ्यूचर समूह को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को किए रद्द

Apurva Srivastav
1 Feb 2022 3:33 PM GMT
फ्यूचर समूह को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को किए रद्द
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सुप्रीम कोर्ट ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के रिलायंस रिटेल के साथ विलय के सौदे संबंधी दिल्ली हाई कोर्ट के आदेशों को मंगलवार को खारिज कर दिया।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के रिलायंस रिटेल के साथ विलय के सौदे संबंधी दिल्ली हाई कोर्ट के आदेशों को मंगलवार को खारिज कर दिया। खारिज किए गए आदेशों में वह आदेश भी है, जिसमें विलय के सौदे पर आगे बढ़ने से एफआरएल को रोकने वाले मध्यस्थ के फैसले पर रोक लगाने से इन्कार किया गया था। इसी के साथ प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना के नेतृत्व वाली पीठ ने रिलायंस रिटेल के साथ विलय के सौदे पर मध्यस्थ के फैसले को लेकर फ्यूचर ग्रुप कंपनियों की ओर से दायर याचिकाओं को दिल्ली हाई कोर्ट के पास वापस भेज दिया है। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि वह दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से आग्रह करेंगे कि वह इस मामले को तेजी से निपटाने के लिए एक पीठ का गठन करें।

पीठ ने अपने आदेश में कहा, 'हम दो फरवरी, 2021 और 18 मार्च, 2021 के आदेशों और 29 अक्टूबर, 2021 के आदेश को रद करते हैं। हम हाई कोर्ट को निर्देश देते हैं कि वह इस मामले पर विचार करें और टिप्पणियों से प्रभावित हुए बिना गुण-दोष के आधार पर आदेश पारित करें।' अमेरिकी ई-कामर्स कंपनी अमेजन रिलायंस रिटेल और एफआरएल के 24,731 करोड़ रुपये के विलय सौदे के साथ आगे बढ़ने के फ्यूचर समूह के फैसले का विरोध कर रही है।
एसआइएसी ने अमेरिकी कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया था

सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एसआइएसी) ने अपने आपात निर्णय में फ्यूचर समूह को रिलायंस रिटेल के साथ विलय सौदे को लेकर आगे बढ़ने से रोक कर अमेरिकी कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया था। आपात फैसले को अक्टूबर 2021 में मध्यस्थ के अंतिम फैसले में बरकरार रखा गया था।
दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती
शीर्ष अदालत ने फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड (एफसीपीएल) और एफआरएल द्वारा दायर याचिकाओं पर फिलहाल अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। इन याचिकाओं में दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें उसने एफआरएल को रिलायंस रिटेल के साथ सौदे पर आगे बढ़ने से रोकने के साथ ही फ्यूचर ग्रुप और उससे जुड़े अन्य लोगों पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था और उनकी संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया था।
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