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नई दिल्ली: कोरोनाकाल में ब्लैकलिस्ट किए गए तबलीगी जमात के विदेशी नागरिकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. अब इन विदेशियों को वीजा मिलने में आसानी होगी.
करोनाकाल में भारत सरकार के दिशानिर्देश का पालन न करने के लिए करीब 3500 लोगों को ब्लैकलिस्ट किया गया था. ये सभी विदेशी नागरिक थे, जो तबलीगी जमात के सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत आए थे. भारत सरकार द्वारा ब्लैकलिस्ट किए जाने का मतलब ये है कि इन्हें दोबारा भारत का वीजा मिलना मुश्किल होता, लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि इनको वीजा देने के लिए भारत सरकार ब्लैकलिस्ट किए जाने को नजरंदाज करेगी यानी कि ब्लैकलिस्ट किया जाना बेमायने होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया कि भविष्य में अगर तबलीगी जमात के लोग दोबारा वीजा के लिए आवेदन करते हैं तो सरकार कानून के मुताबिक, उनके वीजा आवेदन पर फैसला लेगी. जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस जे बी पारदीवाला की बेंच ने ये फैसला सुनाया है.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया कि अगर किसी विदेशी नागरिक को बरी कर दिया गया है तो उसे वापस यात्रा करने में कोई कठिनाई नहीं होगी. अगर कोई दिक्कत आती है तो खुद उनका दफ्तर ऐसे लोगों की मदद करेगा.
बता दें कि दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के कार्यक्रम को कोरोना वायरस को फैलाने वाला बड़ा क्लस्टर माना गया था. इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले लोगों के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में केस दर्ज किए गए थे. उन पर आरोप थे कि लॉकडाउन की बंदिशों के बावजूद वो विभिन्न मस्जिदों में गए और लोगों से मिले थे.
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