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राहत बनी यूआईटी के लिए आफत, मेंटीनेंस पर खर्च हुए करीब नौ लाख रुपए

Shantanu Roy
4 Sep 2023 5:29 PM GMT
राहत बनी यूआईटी के लिए आफत, मेंटीनेंस पर खर्च हुए करीब नौ लाख रुपए
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अलवर। अलवर प्रदेश सरकार की ओर से महंगाई राहत शिविरों में पंजीकरण करवाने वालों को राहत बांटने के लिए कई कार्यक्रम किए गए। यहां भी यूआईटी का प्रताप ऑडिटोरियम लिया गया। कार्यक्रम हो गए लेकिन बाद में यूआईटी ने बिजली बिल व मेंटीनेंस का हिसाब लगाया तो पता चला कि नौ लाख रुपए खर्च हो गए। ये रकम अब संबंधित विभाग जमा नहीं करवा रहे। वहीं यूआईटी इस पैसे को लेकर इधर-उधर पत्राचार कर रही है। अब इस पर निर्णय उच्चाधिकारियों को करना है। हालांकि ये तो तय है कि अब जो भी विभाग ये हॉल बुक करेगा उसे कम से कम 20 हजार रुपए तो जमा कराने ही होंगे।
इस तरह यूआईटी का आर्थिक भार बढ़ा: राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे इन्दिरा गांधी गैस सिलेण्डर सब्सिडी योजना, लम्पी योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत लाभार्थी उत्सव आदि कार्यक्रम प्रताप ऑडिटोरियम में आयोजित किए गए। जिस पर यूआईटी का करीब 7.17 लाख रुपए व्यय हुआ। सहायक निदेशक सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता विभाग को व्यय राशि का मांग पत्र भेजा है लेकिन उनकी ओर से ट्रस्ट बैठक होने तक राशि जमा नहीं करवाई गई। इसी तरह पूर्व में न्याय क्षेत्र के अधिकारी की ओर से सेमिनार एवं अन्य कार्यक्रम करवाए गए हैं। जिस पर यूआईटी का 90,820 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से खर्च आया। उनकी ओर से विद्युत व्यय का भुगतान नहीं किया गया।
राज्य सरकार की विभिन्न आगामी योजना में भी ऑडिटोरियम बुक होगा। साथ ही विधानसभा चुनाव के कार्यक्रमों के लिए भी आरक्षित होगा। ऐसे में यूआईटी पर लगातार भार पड़ेगा। कार्यक्रमों मेंटेन्ट, कुर्सी, मेज,बेन्क्वेट हॉल, पार्किंग, विद्युत व्यय, जनरेटर डीजल, साफ सफाई, साउन्ड माइक, वीडियोवॉल, एलईडी स्क्रीन, वीडियो कांफ्रेंस कनेक्शन आदि पर करीब 2.50 लाख का खर्च आएगा। ऐसे में यूआईटी दरियादिली दिखाकर कर्जदार हो जाएगी। हालांकि ये प्रकरण ट्रस्ट की बैठक में आया था लेकिन इसके नतीजे सामने नहीं आए।
वर्ष 2016 में निर्णय लिया गया था कि जिला प्रशासन के कार्यक्रम के लिए माह में एक बार प्रताप ऑडिटोरियम ट्रस्ट अध्यक्ष की अनुमति से मुफ्त में मुहैया होगा। वर्ष 2022 में फिर निर्णय बदला। तय हुआ कि एक बार से ज्यादा ऑडिटोरियम बुक होगा तो उसके लिए सफाई व बिजली व्यय का भुगतान करना होगा। जिसकी राशि 20 हजार रुपए थी। वर्ष 2023 में निर्णय हुआ कि राष्ट्रीय / राज्य स्तरीय राजकीय कार्यक्रम के लिए एक वर्ष में 15 बार प्रताप ऑडिटोरियम को जिला प्रशासन/ सम्बंधित विभाग को नि:शुल्क उपलब्ध करवाया जाएगा।
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