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'रिलायंस फ्यूचर डील' केस पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, 20 जुलाई को होगी सुनवाई

Deepa Sahu
8 July 2021 10:56 AM GMT
रिलायंस फ्यूचर डील केस पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, 20 जुलाई को होगी सुनवाई
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Future और Reliance डील में Amazon की याचिका पर 20 जुलाई को Supreme Court में सुनवाई होगी।

नई दिल्‍ली, Future और Reliance डील में Amazon की याचिका पर 20 जुलाई को Supreme Court में सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह Future और Reliance डील को लेकर 20 जुलाई को दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ Amazon की याचिका पर सुनवाई करेगा। Amazon ने 8 अप्रैल को शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर Delhi High Court की खंडपीठ के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें किशोर बियानी की अगुवाई वाले फ्यूचर समूह (Future Group) पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ किये गये 24,713 करोड़ रुपये के संपत्ति बिक्री सौदे पर लगायी गयी रोक को हटा दिया गया था।

इससे पहले, फ्यूचर रिटेल लिमिटेड ने High Court में एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी थी। एकल न्यायाधीश की पीठ ने सिंगापुर आपातकालीन मध्यस्थता (ईए) न्यायाधिकरण के आदेश को बरकरार रखा था, जिसमें एफआरएल को रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ 24,713 करोड़ रुपये के सौदे को लेकर कदम बढ़ाने से मना किया गया था।
Future Group की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन, न्यायमूर्ति केएम जोसेफ और न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ को बताया कि सिंगापुर की अदालत में 12 जुलाई से इस मुद्दे पर सुनवाई शुरू होगी और अनुरोध किया कि इसलिए अपील पर कार्यवाही एक हफ्ते के लिए स्थगित कर दी जाए।
1 हफ्ते टली सुनवाई
अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी की ओर से वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा कि अपील पर सुनवाई एक सप्ताह के लिए स्थगित किए जाने पर उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। इसके बाद पीठ ने मामले में आगे की सुनवाई के लिए 20 जुलाई की तारीख तय की। इससे पहले शीर्ष अदालत ने 22 फरवरी को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) से विलय पर अंतिम आदेश पारित नहीं करने को कहा था। फ्यूचर समूह (Future Group) ने रिलायंस के साथ 24,713 करोड़ रुपये के सौदे के लिए नियामकीय मंजूरी के लिए न्यायाधिकरण का रुख किया था।
क्‍या है विवाद
बता दें कि Amazon और Future Group के बीच कानूनी विवाद चल रहा है। अमेरिकी कंपनी ने फ्यूचर समूह के खिलाफ सिंगापुर के आपातकालीन मध्यस्थता न्यायाधिकरण में मामला दर्ज किया है। उसकी दलील है कि भारतीय कंपनी ने प्रतिद्वंद्वी रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ समझौता कर अनुबंध का उल्लंघन किया है।
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