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प्राइवेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर 'रेड सिग्नल', रद्द हो सकता है निजी ट्रेन चलाने का 30 हजार करोड़ रुपये का टेंडर

Deepa Sahu
19 Aug 2021 5:34 PM GMT
प्राइवेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर रेड सिग्नल, रद्द हो सकता है निजी ट्रेन चलाने का 30 हजार करोड़ रुपये का टेंडर
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प्राइवेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर 'रेड सिग्नल'

भारतीय रेलवे प्राइवेट ट्रेन चलाने के लिए जारी हुए पहले चरण के टेंडर को रद्द कर सकता है। निजी ट्रेन चलाने की इस बिडिंग में कंपनियों ने कुछ खास उत्साह नहीं दिखाया है। मामलों के जानकार अफसरों के मुताबिक, प्राइवेट ट्रेन चलाने की महत्वाकांक्षी योजना के लिए केवल दो बोलियां ही मिली थीं। इसके बाद रेल मंत्रालय फिर से इस विचार कर रहा है।

रेल मंत्रालय एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि भारतीय रेल मंत्रालय ने पूरे देश में 12 क्लस्टर्स में प्राइवेट यात्री ट्रेनें चलाने के लिए बोली मांगी थी। इनमें से सिर्फ तीन क्लस्टर के लिए ही बोली लगाई गई है। प्राइवेट यात्री चलाई जाने की पूरी प्रक्रिया का फिर से मूल्यांकन किया जा रहा है। बोली की वर्तमान की प्रक्रिया मूल्याकंन फिर से किया जाएगा, इसके बाद इसे रद्द करने का निर्णय लिया जा सकता है।
मंत्रालय के अन्य अफसरों का कहना है कि इस बोली को रद्द करने और निजी भागीदारी के लिए नए सिरे से निविदा आमंत्रित करने की चर्चा ने पिछले हफ्ते से जोर पकड़ा है। नई निविदा में रेवेन्यू मॉडल में ढील दी जाएगी और कुछ नियत शुल्क भी माफ किए जाएंगे।
16 में से केवल दो कंपनियों ने ही दिखाई रुचि
अक्तूबर में रेल मंत्रालय ने, 12 क्लस्टरों के लिए 15 फर्मों से 120 आवेदन प्राप्त हुए हैं। नवंबर में इन 120 आवेदनों में से 102 को आरएफक्यू में हिस्सा लेने का पात्र पाया गया। सभी क्लस्टरों को फरवरी 2021 तक परियोजना आवंटित करने का लक्ष्य रखा गया था। जिन आवेदकों ने आरएफक्यू जमा कराए थे, उनमें मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर, साईनाथ सेल्स ऐंड सर्विसेज, आईआरबी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स, भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी), जीएमआर हाईवेज, वेलस्पन एंटरप्राइजेज, गेटवे रेल फ्रेट और क्यूब हाईवेज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर-3 शामिल थीं।
एलएंडटी इन्फ्रास्ट्रक्चर, आरके एसोसिएट्स एंड होटलियर्स, पीएनसी इन्फ्राटेक, अरविंद एविएशन और बीएचईएल आदि भी इसके लिए पात्र पाई गई थीं। लेकिन पिछले महीने जब वास्तविक बोली खोली गईं, तो आईआरसीटीसी और एमईआईएल ने ही बोलियां लगाईं। इससे लगा कि निजी रेल चलाने की परियोजना को ठंडी प्रतिक्रिया मिली है। इसके परिचालन के लिए आईआरसीटीसी साझेदार भी तलाश रही थी ताकि निजी रेल के परिचालन में आने वाली लागत का वहन किया जा सके।
गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई में रेल मंत्रालय ने 109 जोड़ी यात्रा मार्गों पर ट्रेन चलाने के लिए निजी क्षेत्रों से आवेदन पत्र आमंत्रित किऐ थे। इनमें 151 आधुनिक रेलगाड़ियों को शामिल किया जाना था। अनुमान के मुताबिक इस परियोजना में निजी क्षेत्र से करीब 30,000 करोड़ रुपये का निवेश होने का अनुमान है।
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