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केंद्रीय वित्त मंत्री के लेटर हेड पर फर्जी हस्ताक्षर कर सिफारिश, पोल खुली तो मच गया हड़कंप

jantaserishta.com
12 April 2024 4:56 AM GMT
केंद्रीय वित्त मंत्री के लेटर हेड पर फर्जी हस्ताक्षर कर सिफारिश, पोल खुली तो मच गया हड़कंप
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सांकेतिक तस्वीर

गृह मंत्रालय में तैनात कर्मचारी सहित तीन लोगों की तलाश.
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लेटर हेड पर फर्जी हस्ताक्षर कर सिफारिश करने वाले दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। 8 अप्रैल को पकड़े गए आरोपियों में विनय कुमार और मोहन पंचाल शामिल हैं। पुलिस दोनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। आरोपी विनय ने पुलिस को बताया कि उसने वित्त मंत्री के कार्यालय से दो लेटर हेड चोरी किए थे, जिस पर यह सिफारिश पत्र लिखे गए थे। पुलिस मामले में गृह मंत्रालय में तैनात कर्मचारी सहित तीन लोगों की तलाश कर रही है। कोर्ट ने 10 अप्रैल को दोनों को 14 दिन के लिए जेल भेज दिया है।
पुलिस ने बताया कि वित्त मंत्री के निजी सचिव बी.एन भास्कर ने कर्तव्य पथ थाना पुलिस को 3 जनवरी को शिकायत दी थी। उन्होंने बताया था कि अज्ञात शख्स ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के फर्जी हस्ताक्षर वाला लेटर हेड तैयार किया है, जिसके बाद उसे गृह मंत्रालय भेजा गया है। इस पत्र को एक सिफारिश के तौर पर इस्तेमाल किया गया है। इससे न केवल वित्त मंत्रालय, बल्कि देश की सुरक्षा को भी खतरा हो सकता है। शिकायत पर पुलिस ने संबंधित धारा में केस दर्ज कर जांच शुरू की थी।
50 हजार में लेटर हेड चुराया : जांच में सामने आया कि एक राजनीतिक पार्टी से जुड़े विनय ने वित्त मंत्री के कार्यालय से लेटर हेड की दो कॉपी चोरी की थी। इसके एवज में उसे 50 हजार रुपये मिले थे। वह लेटर हेड चोरी करने के बाद मोहन के पास गया। फिर दोनों ने पटेल चेस्ट में लेटर हेड पर फर्जी पत्र तैयार किए और उस पर वित्त मंत्री के हस्ताक्षर किए। वहीं, पुलिस अभी यह जांच कर रही है कि आरोपी वित्त मंत्री के कार्यालय में कैसे और किसकी मदद से घुसा था।
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि मोहन पांचाल का एक दोस्त गृह मंत्रालय में कार्यरत है, जिसकी पहुंच मंत्री अमित शाह के कार्यालय तक है। मोहन, विनय की मदद से लेटर हेड तैयार करता था और फिर गृह मंत्रालय में कार्यरत अपने दोस्त को वह पत्र देता था, जिसके बाद आरोपी का दोस्त उसे गृह मंत्री के सचिव की फाइल में रख दिया करता था। मोहन इस काम के लिए पांच लाख रुपये लेता था।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि गृहमंत्री के कार्यालय को जो लेटर हेड भेजा गया था, वह आंध्र प्रदेश के गुंटूर स्थित दो सौ करोड़ की जमीन पर कब्जे को लेकर था। इस पत्र को एक सिफारिश के तौर पर इस्तेमाल किया गया था। मामले में एक पक्ष की मदद के लिए यह पत्र लिखा गया था। जांच में सामने आया कि यह मामला कोर्ट में भी है।
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