भारत

मुफ्त मिला 16 करोड़ रुपये का इंजेक्शन, मिला जीवनदान

jantaserishta.com
1 April 2022 10:15 AM GMT
मुफ्त मिला 16 करोड़ रुपये का इंजेक्शन, मिला जीवनदान
x

बीड: महाराष्ट्र के बीड में एक 18 महीने के बच्चे दत्ता पुरी को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) नामक एक दुर्लभ बीमारी हो गई है. 16 करोड़ रुपये का जीन थेरेपी इंजेक्शन जोलगेन्स्मा ही उसकी जान बचा सकता है. स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) एक दुर्लभ बीमारी है. इस बीमारी का अभी तक कोई इलाज नहीं मिला है.

विदेश से 'जोलगेनएसएमए' नाम का इंजेक्शन खरीदने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करना पड़ता है. वैश्विक संगठन (WHO) हर महीने विश्व स्तर पर एक लकी ड्रा आयोजित किया जाता है. इस लकी ड्रा के माध्यम से हर महीने दुनिया भर से एक मरीज का चयन किया जाता है. चयन किए गए बच्चे को 16 करोड़ रुपये का इंजेक्शन मुफ्त दिया जाता है.
इस बार लकी ड्रॉ में अंबाजोगाई के विष्णु पुरी के पुत्र दत्ता पुरी का चयन हुआ है. इसके बाद दत्ता का इलाज मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में किया जाएगा. विष्णु पुरी के दोनों बच्चों को एसएमए है. हालांकि, पुरी की छह साल की बेटी सीमा को जीन थेरेपी का इंजेक्शन नहीं लग पाएगा. क्योंकि यह केवल दो साल से कम उम्र के बच्चों को ही दिया जाता है. दत्ता पुरी के पिता विष्णु पुरी मजदूरी का काम करते हैं. इस वजह से उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब है. मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में भर्ती होने का खर्च दत्ता के पिता वहन नहीं कर सकते हैं. इसलिए ग्रामीणों ने भी दत्ता की जान बचाने के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है.
स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) एक दुर्लभ बीमारी है. यह आनुवंशिक म्यूटेशन के कारण होने वाली बीमारी है. इस रोग में शरीर की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं. पहले हाथ, पैर और फिर फेफड़े की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं. जैसे-जैसे रोग दिन पर दिन बढ़ता है, चेहरे और गर्दन की मांसपेशियां काम करना कम कर देती है. भोजन और पानी को निगलना भी मुश्किल हो जाता है. मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और काम करना बंद कर देती है.
सर्वाइवल मोटर न्यूरॉन (SMN) प्रोटीन शरीर में मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र के अस्तित्व के लिए आवश्यक होता है. यह मस्तिष्क से शरीर में विद्युत संकेतों के संचरण के लिए भी आवश्यक होता है. यदि शरीर में एसएमएन प्रोटीन की कमी है तो यह रोग स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी एसएमए से जुड़ा है.
Next Story