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गुलाम नबी आजाद के आवास पर हुई कांग्रेस के बागी नेताओं की बैठक, भाजपा से मुकाबले का लिया संकल्प

jantaserishta.com
17 March 2022 3:20 AM GMT
गुलाम नबी आजाद के आवास पर हुई कांग्रेस के बागी नेताओं की बैठक, भाजपा से मुकाबले का लिया संकल्प
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नई दिल्ली: पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस में एक बार फिर बगावती सुर तेज हो गए हैं. कांग्रेस के बागी नेताओं के गुट की बुधवार देर रात गुलाम नबी आजाद के घर पर दिल्ली में बैठक हुई. बैठक के बाद कपिल सिब्बल, शशि थरूर समेत कांग्रेस के 18 नेताओं ने बयान भी जारी किया.

गुलाम नबी आजाद के आवास 5 साउथ एवेन्यू में हुई इस बैठक से जब तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर बाहर निकले तो उनके चेहरे पर एक फीकी सी मुस्कान नजर आ रही थी. हालांकि, यह मुस्कान कांग्रेस आलाकमान और बागी गुट के बीच बढ़ती दरार को छिपाने के लिए काफी नहीं थी.
इसके बाद आजाद के आवास से 5 पूर्व सीएम, 7 पूर्व केंद्रीय मंत्री और कुछ पूर्व सांसद भी निकले. ये सभी डिनर में शामिल होने आए थे. हालांकि, विवेक तन्खा को छोड़कर किसी नेता ने कोई बयान नहीं दिया. विवेक तन्खा ने कहा कि यह बैठक कोई विद्रोह के तौर पर नहीं थी, बल्कि दोस्तों के साथ साधारण डिनर था.
बैठक के बाद एक संक्षिप्त बयान भी जारी किया गया. बयान में सामूहिक और समावेशी नेतृत्व की बात कही गई. साथ ही इसमें पार्टी को बीजेपी से मुकाबला करने के लिए समान विचारधारा वाले दलों के साथ आने की समझाइश दी गई. बयान में स्पष्ट संदेश दिया गया कि अब संघर्ष विराम अतीत की बात थी. अब बागी नेता पार्टी कार्यकर्ताओं के पास जाएंगे.
कांग्रेस के बागी गुट की बैठक ऐसे वक्त पर हुई, जब हाल ही में 5 राज्यों में मिली हार के बाद सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक हुई थी. गुलाम नबी आजाद के घर हुई इस बैठक में बागी खेमे में संख्या बढ़ती हुई नजर आई. माना जा रहा है कि आने वाले समय में कांग्रेस के और नेता बागी गुट में शामिल हो सकते हैं.
इस बैठक में शामिल सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि भविष्य के कदम को लेकर घोषणा जल्द ही की जाएगी. सूत्रों के मुताबिक, इसका मतलब है कि सभी बागी नेता पार्टी कार्यकर्ताओं के पास जाएंगे और कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बनाने के लिए जमीनी स्तर पर बैठक करेंगे. बैठक में मौजूद एक कांग्रेसी नेता ने कहा, हम पार्टी नहीं छोड़ रहे. हम कांग्रेसी हैं औऱ पार्टी की विचारधारा में विश्वास करते हैं. इसलिए जब तक हमें बाहर नहीं किया जाता, हम पार्टी में बने रहेंगे.
नेताओं ने अपने बयान में कांग्रेस नेतृत्व से 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को चुनौती देने के लिए समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ गठबंधन करने की अपील की. इतना ही नहीं इन नताओं ने एक बार फिर पार्टी में अधिक समावेशी और सामूहिक नेतृत्व की जरूरत की बात कही.
दरअसल, पहले ये डिनर पार्टी का आयोजन कपिल सिब्बल के घर पर होना था. लेकिन बागी गुट के बाकी नेता नहीं चाहते थे कि वे कपिल सिब्बल के घर जाकर यह संकेत दें कि वे गांधी परिवार को लेकर उनके बयान का समर्थन कर रहे हैं. ऐसे में इस बैठक के लिए आजाद का घर चुना गया. वहीं, एक अन्य नेता ने बताया कि हम बैठक के बारे में छिपाने या माफी मांगने की कोशिश नहीं कर रहे हैं, हमारा मानना ​​​​है कि पार्टी में संवाद की जरूरत है और नेतृत्व चुने जाने की जरूरत है.
बैठक में गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, अखिलेश प्रताप सिंह, शंकर सिंह बघेला, शशि थरूर, एम.ए खान, संदीप दीक्षित, विवेक तन्खा, आनंद शर्मा, पृथ्वीराज चव्हाण, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राज बब्बर, मणिशंकर अय्यर, पी जे कुरियन, राजिंदर कौर भट्टल, कुलदीप शर्मा और प्रेणित कौर शामिल रहीं.
कांग्रेस के बागी नेताओं के तेवरों का अंदाज इस बयान से आसानी से लगाया जा सकता है. दरअसल, नेताओं ने अपने बयान में एक बार भी गांधी परिवार का जिक्र नहीं किया. न ही हाल ही में हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में उठाए गए कदमों का जिक्र किया गया. सोनिया गांधी ने वर्किंग कमेटी की बैठक में 5 राज्यों में हार के बाद सभी प्रदेश अध्यक्षों को इस्तीफा देने के लिए कहा था. इतना ही नहीं सोनिया गांधी ने हार की समीक्षा के लिए 5 राज्यों में नेताओं की तैनाती भी की है.
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