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नई दिल्ली: राजधानी के मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास लगी आग में अब तक 27 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हैं। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को ही केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। जिसके तहत शनिवार को कंपनी के दो मलिकों की गिरफ्तारी हुई, तो वहीं अब तीसरा आरोपी मनीष लाकड़ा भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस की टीम उससे पूछताछ कर रही है।
मनीष लाकड़ा ही उस बिल्डिंग का मालिक था, जिसमें 13 मई को आग लगी थी। दावा किया जा रहा कि बिल्डिंग में स्थित कंपनियों के संचालन में जमकर लापरवाही हुई। वो अपने परिवार के साथ इसी बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर रहता था। आग लगने के दौरान उसकी पत्नी, 2 बच्चे और मां ऊपर ही थे, जिन्हें वक्त रहते रेस्क्यू कर लिया गया। जांच में पता चला कि बिल्डिंग से निकलने के लिए आपातकालीन रास्ता नहीं था और ना ही वहां पर आग बुझाने के पुख्ता इंतजाम थे।
वहीं दूसरी ओर एक क्रेन ड्राइवर की बहादुरी का किस्सा सामने आया है, जिसने इस अग्निकांड में 50 से ज्यादा लोगों की जान बचाई। इसमें ज्यादातर महिलाएं थीं। जानकारी के मुताबिक दयानंद तिवारी 13 मई को क्रेन चला रहे थे और वो खबर मिलते ही चार मंजिला इमारत के पास पहुंचे। साथ ही लोगों की जान बचानी शुरू कर दी। तिवारी के मुताबिक उस दिन वो मुंडका उद्योग नगर से आ रहे थे, तभी उन्होंने आग देखी। इसके बाद वो वहां क्रेन लेकर पहुंचे और उसकी मदद से करीब 50 लोगों की जान बचाई। कुछ देर में आग तेजी से फैली, जिस वजह से वो और लोगों की मदद नहीं कर पाए। घटना के वक्त क्रेन के मालिक और तिवारी का हेल्पर भी मौजूद था। उन्होंने भी लोगों की खूब मदद की।
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