दिल्ली। आरबीआई द्वारा कोटक महिंद्रा बैंक पर की गई कार्रवाई प्राइवेट सेक्टर के इस बैंक के लिए बड़ा झटका है। आरबीआई के अनुसार, कोटक बैंक के आईटी सिस्टम में गंभीर खामियां मिली थीं। इस पर बैंक से जवाब भी मांगा गया था, लेकिन लगातार दो वर्षों तक नियामक दिशा-निर्देशों की अनदेखी की गई। इसके बाद यह सख्त कदम उठाना पड़ा।
आरबीआई के अनुसार, कोटक महिंद्रा बैंक जिस तरीके से अपने आईटी सिस्टम का प्रबंधन करता है डाटा को सुरक्षित करता है, उसमें कई गंभीर खामियां मिली थीं। इस मामले में रिजर्व बैंक ने वर्ष 2022 और 2023 में बैंक का आईटी ऑडिट भी किया था, जिसमें इन कमियों को समय पर और सही तरीके से निपटने का निर्देश दिया गया था लेकिन बैंक लगातार दो वर्षों तक इसमें नाकाम रहा। इसके बाद बैंकिंग नियामक अधिनियम 1949 के सेक्शन 35ए के तहत आरबीआई ने अपनी शक्ति का इस्तेमाल किया है और कोटक महिंद्रा बैंक के खिलाफ यह कार्रवाई की। केंद्रीय बैंक ने कहा कि किसी भी अन्य नियामक, पर्यवेक्षी या प्रवर्तन कार्रवाई से प्रभावित हुए बिना यह कार्रवाइयां की गईं। इन्हें रिजर्व बैंक द्वारा किसी भी बैंक के खिलाफ शुरू किया जा सकता है।
आरबीआई की पूर्व-अनुमति के साथ बैंक द्वारा शुरू किए जाने वाले एक व्यापक बाहरी ऑडिट के पूरा होने पर इन पाबंदियों की समीक्षा की जाएगी। रिजर्व बैंक की संतुष्टि के लिए बाहरी ऑडिट के साथ-साथ आरबीआई निरीक्षणों में की गई टिप्पणियों में इंगित की गई खामियों को भी दूर किया जाएगा। आरबीआई की इस कार्रवाई का बैंक के मौजूदा ग्राहकों पर असर नहीं पड़ेगा और वे पहले की तरह सभी सुविधाएं इस्तेमाल कर सकेंगे। बैंक की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, देशभर में उसकी 1780 से ज्यादा ब्रांच हैं और 2023 तक कुल 4.12 करोड़ ग्राहक हैं। वहीं, बैंक के पास देश के कुल क्रेडिट कार्ड मार्केट में करीब चार फीसदी की हिस्सेदारी है। देशभर में बैंक के 49 लाख से ज्यादा क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल किए जा रहे हैं। वहीं, 28 लाख से ज्यादा डेबिट कार्ड सक्रिय हैं।