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नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महाराष्ट्र के एक को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है. इसके साथ ही केंद्रीय बैंक (Co-operative Bank) ने जमाकर्ताओं के खासों से रकम निकालने की भी लिमिट तय कर दी है. केंद्रीय बैंक की ओर से इस संबंध में बयान जारी कर कहा गया है कि अब बैंक के जमाकर्ता 5,00,000 रुपये तक का दावा कर सकते हैं.
लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक पर शिकंजा
गुरुवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 14 सितंबर, 2022 के आदेश के तहत महाराष्ट्र के सोलापुर में स्थित द लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (The Laxmi Co-operative Bank Limited) का लाइसेंस रद्द कर दिया है. इसके बाद अब बैंक कारोबार या लेन-देन समेत अन्य वित्तीय कार्य नहीं कर सकेगा. इस संबंध में जारी आरबीआई की ओर से कहा गया है कि प्रत्येक जमाकर्ता डीआईसीजीसी अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के तहत जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (DICGC) से 5 लाख रुपये तक का दावा करने का हकदार होगा.
दरअसल, डीआईसीजीसी एक्ट 1961 के मुताबिक जिन ग्राहकों का पैसा बैंक में जमा है, उन्हें 5 लाख रुपये के डिपॉजिट पर इंश्योरेंस का कवर दिया जाता है. बता दें कि डीआईसीजीसी (DICGC) रिजर्व बैंक की एक सब्सिडियरी है, जो सहकारी बैंकों के ग्राहकों को वित्तीय सुरक्षा मुहैया कराता है. ऐसे में ग्राहकों को पांच लाख रुपये के जमा पर इंश्योरेंस क्लेम के तहत पैसे वापस मिल सकेंगे. यानी 5 लाख रुपये से अधिक की राशि वाले जमाकर्ताओं को पूरी राशि वापस नहीं मिल सकेगी, क्योंकि मैक्सिमम पांच लाख रुपये तक की ही भरपाई की जा सकेगी.
पूंजी की कमी के चलते लाइसेंस रद्द
रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पर्याप्त पूंजी की कमी का हवाला देते हुए गुरुवार को महाराष्ट्र स्थित द लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द किया है. आरबीआई ने एक बयान में कहा, 'Laxmi Co-operative Bank Limited का लाइसेंस रद्द किया गया है, क्योंकि उसके पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं और बैंक की निरंतरता उसके जमाकर्ताओं के हित में नहीं है."
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