दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को निर्देश देते हुए 10 बैंक खातों का ब्योरा मांगा है. ये खाते उन लोगों के हैं जिन्हें इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) ने आतंकवादी घोषित किया था. रिजर्व बैंक ने कहा कि है बैंक इन लोगों के खाते की पूरी डिटेल साझा करे.
गृह मंत्रालय ने बीते 4 अक्टूबर को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत हिजबुल मुजाहिदीन (HM), लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और अन्य प्रतिबंधित संगठनों के कुल 10 सदस्यों को आतंकवादी करार दिया था. पीटीआई के मुताबिक, RBI की ओर से जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि विनियमित इकाइयों (RE) को आवश्यक अनुपालन के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी उपरोक्त अधिसूचनाओं को संज्ञान में लेने की सलाह दी जाती है. इन आरई में बैंक, अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (एक्जिम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी, सिडबी और एनएबीएफआईडी) और एनबीएफसी शामिल हैं.
पीटीआई के मुताबिक, सरकार की ओर से जिन लोगों को आतंकवादी घोषित किया गया है, उनमें एक पाकिस्तानी नागरिक हबीबुल्लाह मलिक उर्फ साजिद जट्ट, जम्मू-कश्मीर के बारामूला का मूल निवासी बासित अहमद रेशी, इम्तियाज अहमद कंडू उर्फ सज्जाद (जम्मू-कश्मीर के सोपोर का मूल निवासी), जफर इकबाल उर्फ सलीम (पुंछ का मूल निवासी) और शेख जमील-उर-रहमान उर्फ शेख साहब (पुलवामा का मूल निवासी) शामिल हैं. ये सभी फिलहाल पाकिस्तान में हैं. लिस्ट में शामिल अन्य व्यक्तियों की बात करें तो इनमें श्रीनगर का निवासी बिलाल अहमद बेघ उर्फ बाबर, पुंछ का रहने वाला रफीक नाई उर्फ सुल्तान, डोडा निवासी इरशाद अहमद उर्फ इदरीस, कुपवाड़ा निवासी बशीर अहमद पीर उर्फ लम्तियाज और बारामूला का रहने वाला शौकत अहमद शेख उर्फ शौकत मोची भी हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, MHA ने कहा कि हबीबुल्लाह मलिक उन आतंकवादियों का प्रमुख हैंडलर था, जिन्होंने पुंछ में भारतीय सैनिकों पर हमला किया था.
रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक 3 नवंबर को होने जा रही है. इसमें महंगाई दर पर नियंत्रण में नाकामी की वजहों पर चर्चा होगी और निकलने वाले निष्कर्षों को सरकार के साथ साझा किया जाएगा. बता दें देश में महंगाई दर लगातार रिजर्व बैंक के निर्धारित लक्ष्य से ऊपर 7 फीसदी पर बनी हुई है. केंद्रीय बैंक ने इस 2 से 6 फीसदी के दायरे में रखने का लक्ष्य तय किया है.