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रविशंकर प्रसाद ने कहा- 'सोशल मीडिया कंपनियां बोलने की आजादी और लोकतंत्र पर भाषण न दें'

Deepa Sahu
19 Jun 2021 6:10 PM GMT
रविशंकर प्रसाद ने कहा- सोशल मीडिया कंपनियां बोलने की आजादी और लोकतंत्र पर भाषण न दें
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केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को सोशल मीडिया कंपनियों को एक बार फिर खरी-खरी सुनाई है।

केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को सोशल मीडिया कंपनियों को एक बार फिर खरी-खरी सुनाई है। उन्होंने सोशल मीडिया मंचों से कहा कि वे 'बोलने की आजादी' और 'लोकतंत्र' पर भारत को भाषण न दें। इसके साथ ही उन्होंने दोहराया कि अगर 'लाभ कमाने वाली ये कंपनियां' भारत में कमाई करना चाहती हैं तो उन्हें 'भारत के संविधान और भारतीय कानूनों' का पालन करना होगा।

सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी द्वारा सिम्बायोसिस स्वर्ण जयंती व्याख्यान श्रृंखला के तहत आयोजित 'सोशल मीडिया एवं सामाजिक सुरक्षा तथा अपराध न्याय प्रणाली सुधार : एक अधूरा एजेंडा' विषय पर व्याख्यान देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि नए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) दिशानिर्देश सोशल मीडिया के इस्तेमाल से संबंधित नहीं हैं लेकिन सोशल मीडिया मंचों के 'दुष्प्रयोग' और 'गलत इस्तेमाल' से निपटते हैं। प्रसाद ने कहा कि शुक्रवार को घोषित किए गए नए आईटी नियम इन मंचों का उपयोग करने वालों को उनकी शिकायतों के समाधान के लिए एक तंत्र उपलब्ध कराते हैं।
उन्होंने कहा कि इन कानूनों का उद्देश्य सोशल मीडिया फर्मों पर सामग्री को विनियमित करना और फेसबुक, व्हाट्सएप तथा ट्विटर जैसों को पोस्ट को शीघ्रता से हटाने के लिए किए गए कानूनी अनुरोधों तथा संदेशों के प्रवर्तकों का विवरण साझा करने के अनुरोधों के प्रति और जवाबदेह बनाना है।
कोई 'कायनात' नहीं मांग रहा : प्रसाद
प्रसाद ने कहा कि नए नियमों के तहत सोशल मीडिया कंपनियों को भारत स्थित शिकायत निवारण अधिकारी, अनुपालन अधिकारी और नोडल अधिकारी की तैनाती करने की जरूरत है जिससे सोशल मीडिया के करोड़ों उपभोक्ताओं को उनकी शिकायतों के निवारण के लिए एक मंच मिल सके। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए देश में स्थित तीन अधिकारियों की नियुक्ति के लिए कहकर कोई उनसे 'कायनात' नहीं मांग रहा।
मैं छात्रों के सवाल सुन रहा हूं, यह असली लोकतंत्र है: रविशंकर
उन्होंने कहा कि यह मूलभूत जरूरतें हैं। मैं जोर देकर दोहराना चाहूंगा कि भारत को अमेरिका में रहकर लाभ कमाने वाली कंपनी से बोलने की स्वतंत्रता और लोकतंत्र पर व्याख्यान की जरूरत नहीं है। भारत में स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव होते हैं, स्वतंत्र न्यायपालिका, मीडिया, नागरिक संस्थाएं हैं। मैं यहां छात्रों से बात कर रहा हूं और उनके सवालों को सुन रहा हूं और यह असली लोकतंत्र है। इसलिए लाभ कमाने वाली इन कंपनियों को हमें लोकतंत्र पर भाषण नहीं देना चाहिए।
दागा सवाल: क्या भारतीय कंपनियां अमेरिका में वहां के कानून का पालन नहीं करतीं?
विधि एवं न्याय मंत्रालय की जिम्मेदारी भी संभालने वाले प्रसाद ने पूछा कि जब भारतीय कंपनियां अमेरिका में कारोबार करने के लिए जाती हैं तो क्या वे अमेरिकी कानून का पालन नहीं करतीं? आप अच्छा धन कमाते हैं, अच्छा लाभ कमाते हैं क्योंकि भारत एक डिजिटल बाजार है, यहां कोई समस्या नहीं है। प्रधानमंत्री की आलोचना कीजिए, मेरी निंदा कीजिए, मुश्किल सवाल पूछिए, लेकिन आप भारतीय कानूनों का सम्मान क्यों नहीं करेंगे? अगर आप भारत में कारोबार करना चाहते हैं तो आपको भारतीय संविधान और भारतीय कानून का पालन करना होगा।
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