भारत

इस गांव में होती है रावण की पूजा, दशहरा पर नहीं होता है रावन दहन

jantaserishta.com
13 Oct 2021 5:42 PM GMT
इस गांव में होती है रावण की पूजा, दशहरा पर नहीं होता है रावन दहन
x
पढ़े पूरी खबर

पूरे देश में दशहरा पर जहां एक तरफ असत्य पर सत्य की विजय के प्रतीक में रावण के पुतले का दहन किया जाता है. वहीं मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में एक गांव ऐसा भी है जहां रावण ग्रामीणों के लिए आस्था का प्रतीक है. यहां ऐसा माना जाता है कि रावण, ग्रामीणों की मन्नत पूरी करता है. ऐसें में यहां पर ग्रामीण रावण और कुम्भकर्ण की मूर्ति की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और दूर गांव के लोग भी यहां आकर रावण से मन्नतें मांगते हैं. इस गांव में रावण को जलाया नहीं जाता है.

राजगढ़ के इस गांव का नाम है भाटखेड़ी (रावण वाली). राजगढ़ जिले के गांव भाटखेड़ी (रावण वाली) के सड़क किनारे बनी रावण और कुंभकर्ण की प्रतिमाएं यहां से निकलकर आने-जाने वालो के लिए सैकड़ों वर्षो से आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं.
इसके बारे में ग्रामीणों सहित आसपास के लोगों की धारणा है कि ये रावण मन्नत पूर्ण करने वाला रावण है. ग्रामीण यहां रोजाना नियम से पूजा-अर्चना किया करते हैं. इसके साथ ही आसपास के लोग भी अपनी मन्नत लेकर आते हैं. मन्नत पूरी होने पर प्रसाद इत्यादि चढ़ाया जाता है
विजयादशमी के पूर्व इन प्रतिमाओं का रंग रोगन किया जाता है और नवरात्री में कई सालों की परम्परा अनुसार रामलीला का आयोजन भी किया जाता है और दशहरे के दिन इनकी पूजा अर्चना कर राम और लक्ष्मण के पात्रों द्वारा भाला छुआ कर गांव की खुशहाली की मन्नत मांगी जाती है.''
Next Story