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दशहरा पर्व पर किया गया रावण दहन

Nilmani Pal
15 Oct 2021 1:19 PM GMT
दशहरा पर्व पर किया गया रावण दहन
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पंजाब। दशहरा पर्व के मौके पर रावण दहन किया गया. वही दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दहशरा के मौके पर रावण दहन में भाग लिया। दिल्ली के अलावा दूसरे राज्यों में भी रामलीला के दौरान रावण दहन का कार्यक्रम किया गया. पंजाब में लुधियाना के सिविल लाइंस में 'रावण दहन' किया गया. बिहार में विजयदशमी के अवसर पर पटना में रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतलों को जलाया गया. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विजयदशमी के अवसर पर गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर से विजय शोभायात्रा निकाली. इसके बाद रामलीला मैदान में भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की पूजा की. बता दें, दशहरा हिंदुओं के प्रमुख त्योहार में से एक है. श्री राम के रावण का वध करने के बाद से इसे परंपरा अनुसार हर साल मनाया जाता है. वहीं, इसी दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार भी किया था जिस कारण आज के दिन को विजय दशमी के रूप में मनाया जाता है.

रामायण भगवान राम, हनुमान, रावण, बाली और कुंभकरण जैसे बड़े योद्धाओं से भरी हुई है. लेकिन रामायण (Ramayana) में एक योद्धा इन सबसे ज्यादा शक्तिशाली था. ये शक्तिशाली योद्धा मेघनाद था. अगस्त्य मुनि ने प्रभु श्रीराम को बताया था कि रावण का पुत्र मेघनाद (Meghnad in Ramayana) ही इस संग्राम का सबसे ताकतवर योद्धा यानी सबसे शक्तिशाली राक्षस है. आइए जानते हैं अगस्त्य मुनि ने ऐसा क्यों कहा और किसके हाथों मेघनाथ की मौत हुई.

ऐसे पड़ा मेघनाद का नाम- कहा जाता है कि रावण के घर जब पुत्र ने जन्म लिया तो उसके रोने की आवाज बिजली के कड़कने जैसी थी. यही कारण था कि रावण ने अपने बेटे का नाम मेघनाद रख दिया, जिसका अर्थ होता है बादलों में कड़कती बिजली. इतना शक्तिशाली था मेघनाद- राक्षसों के सबसे बड़े गुरू ने मेघनाथ के अंदर छिपे योद्धा को पहचाना था और उसे युद्ध के गुर सिखाए. उन्होंने मेघनाद को देव आस्त्रों का ज्ञान भी दिया, जिससे वो अधिक बलशाली हो गया था. मेघनाद अकेला ऐसा वीर था जिसके पास ब्रह्मास्त्र समेत पशुपत्रास्त्र और वैश्णवास्त्र थे. यही कारण है कि वो अकेला राम की पूरी सेना पर भारी था.





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