यूपी UP। पूर्वोत्तर के रेलवे स्टेशनों से ट्रेन में सफर कर आ रहे चूहे जंक्शन रेलवे स्टेशन railway station प्लेटफार्म ट्रैक की जमीन को खोखला कर रहे हैं। रेलवे का स्वच्छता विभाग चूहों की संख्या कम करने के लिए उन्हें जहरीली दवा देकर मार रहा है। इसके बाद भी चूहों की संख्या में कोई कमी नहीं आ रही है। जंक्शन रेलवे स्टेशन पर लगातार बढ़ती चूहों की संख्या को लेकर अधिकारियों के चेहरे पर चिंता की लकीरें बढ़ती जा रही है। चूहों की बढ़ती फौज प्लेटफार्म और रेलवे ट्रैक railway track पर बिन बना कर उन्हें खोखला कर रही है। इससे यात्रियों की सुरक्षा पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं।
rat बरसात के मौसम में ये खतरा और बढ़ गया है, रेलवे ट्रैक के सहारे बने चूहों के बिलों में पानी भरने से ट्रैक के धंसने का खतरा बढ़ गया है। हांलाकि रेलवे अधिकारी चूहों का खत्मा करने के लिए उन्हें दवाई दे रहे हैं। बावजूद इसके चूहों की संख्या में कोई खास कमी नहीं दिख रही है। रेलवे सूत्रों का कहना है कि पूर्वोत्तर के स्टेशनों से बनकर चलने वाली ट्रेनों में सवार होकर चूहों की फौज जंक्शन पहुंचती है। लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर रेलवे स्टेशनों पर बढ़ी संख्या में चूहे हैं। ये चूहे भोजन की तलाश में ट्रेनों में घुस जाते हैं। ट्रेन जब मथुरा जंक्शन पहुंचती है तो ये चूहे रेलवे ट्रैक पर उतर कर भोजन की तलाश करने में जुट जाते हैं और फिर यहीं रह जाते हैं।
जंक्शन पर बढ़ती चूहों की फौज को कम करने के लिए रेलवे स्वच्छता विभाग द्वारा सप्ताह में दो बार दवाई डाली जाती है। इसके बाद भी यदि चूहों की संख्या पर कोई असर नहीं दिखता, तो दवाई हर दो दिन बाद डाली जाती है। चूहों की फौज को कम करने के लिए विगत चार माह से रेलवे ट्रैक व प्लेटफार्म पर दवाई डाली जा रही है। चूहों की फौज को कम करने के लिए रेलवे स्वच्छता विभाग द्वारा विगत चार माह से दवाई डाली जा रही है। रेलवे सूत्रों का कहना है कि इसके काफी बेहतर परिणाम भी मिले हैं। चार माह में तीन हजार के करीब चूहे मारे जा चुके हैं। इसके बाद चूहों की संख्या में काफी कमी दिख रही है।