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'अटल आयुष्मान योजना' में निशुल्क इलाज की दरें बढ़ीं, 1 नवंबर से लागू होंगे नए दाम

Kunti Dhruw
6 Oct 2021 4:06 PM GMT
अटल आयुष्मान योजना में निशुल्क इलाज की दरें बढ़ीं, 1 नवंबर से लागू होंगे नए दाम
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अटल आयुष्मान भारत और उत्तराखंड आयुष्मान योजना के तहत निशुल्क इलाज की दरें बढ़ाई गई हैं।

अटल आयुष्मान भारत और उत्तराखंड आयुष्मान योजना के तहत निशुल्क इलाज की दरें बढ़ाई गई हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के निर्णय के बाद राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने भी नई दरों को लागू करने का फैसला लिया है। एक नवंबर 2021 से नई दरें लागू होंगी।

योजना में इलाज की दरें कम होने के कारण सूचीबद्ध निजी अस्पतालों की ओर से दरें बढ़ाने की मांग की जा रही थी। वहीं, कई बड़े निजी अस्पताल दरें कम होने से गोल्डन कार्ड पर इलाज करने में आनाकानी कर रहे थे। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने बताया कि आयुष्मान योजना के तहत प्रदेश में 219 अस्पताल सूचीबद्ध हैं। जिसमें 119 निजी अस्पताल हैं।
लंबे समय से निजी अस्पतालों की ओर से इलाज की दरें बढ़ाने की मांग की जा रही थी। प्राधिकरण ने अस्पतालों के सुझावों को समय-समय पर केंद्र सरकार से साझा किया। जिससे राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने सूचीबद्ध चिकित्सालयों में उपचार के लिए निर्धारित दरों में वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है।
योजना में 1669 बीमारियों का इलाज चिह्नित
एक नवंबर 2021 से प्रदेश के सभी सूचीबद्ध अस्पतालों में इलाज की नई दरें लागू हो जाएंगी। योजना में 1669 बीमारियों का इलाज चिह्नित है। जिसमें 409 बीमारियों के पैकेज की दरों में 10 से 100 फीसदी तक बढ़ोतरी की गई है।
जिसमें कैंसर, हृदय रोग, हड्डी रोग, स्त्री रोग, सामान्य सर्जरी का इलाज भी शामिल है। कुछ बीमारियों के पैकेज में 5 से 6 गुना तक की वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि पैकेज की दरों में बढ़ोतरी से सूचीबद्ध अस्पतालों में मरीजों को गुणवत्ता चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होने में आसानी होगी।
348862 मरीजों का हुआ इलाज
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुणेंद्र सिंह चौहान ने 31 अक्तूबर तक राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के आईटी सिस्टम में इलाज की नई दरें अपडेट कर दी जाएंगी। राज्य में तीन सालों से आयुष्मान योजना संचालित है। अब तक 44.71 लाख लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं। 348862 मरीजों का सूचीबद्ध अस्पतालों में इलाज कराया गया। जिसमें 477 करोड़ व्यय की गई।
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