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ISRO: राशिद खान ने निभाई सोलर और लूनर मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका, जानें इनके बारे में...

jantaserishta.com
7 Sep 2023 8:08 AM GMT
ISRO: राशिद खान ने निभाई सोलर और लूनर मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका, जानें इनके बारे में...
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इसरो में वैज्ञानिक के रूप में काम करते देखना उनका सपना था जिसे उनके बेटे ने सफलतापूर्वक पूरा किया।
नई दिल्ली: राशिद खान ने इसरो के पहले सोलर मिशन आदित्य-एल 1 लॉन्च में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राशिद जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व छात्र हैं। फिलहाल वह बतौर वैज्ञानिक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में कार्यरत हैं। वह इसरो के प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स, तमिलनाडु में वैज्ञानिक एसडी के रूप में कार्य कर रहे हैं।
राशिद बिहार के एक छोटे से शहर छपरा से ताल्लुक रखते हैं। उनके माता-पिता, नूर आलम खान और नूर आयशा दोनों ही पेशे से शिक्षक हैं। परिजनों के मुताबिक राशिद को इसरो में वैज्ञानिक के रूप में काम करते देखना उनका सपना था जिसे उनके बेटे ने सफलतापूर्वक पूरा किया।
जामिया विश्वविद्यालय ने राशिद के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राशिद रॉकेट पीएसएलवी-सी57 के लिए उपयोग किए जाने वाले पीएस2 और पीएस4 चरण के एक्सेप्टेंस टेस्ट में सक्रिय रूप से शामिल थे। जामिया विश्वविद्यालय का कहना है कि उनके पूर्व-छात्र राशिद ने इसरो के चंद्रमा मिशन चंद्रयान-3 में भी अहम भूमिका निभाई है। उनकी जिम्मेदारी 14 जुलाई 2023 को चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च के लिए उपयोग किए जाने वाले एलवीएम3-एम 4 रॉकेट के लिए एल 110 चरण (लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम ) और सी 25 चरण (क्रायोजेनिक प्रोपल्शन सिस्टम) प्रणोदक टैंकों का एक्सेप्टेंस टेस्ट करना था।
उनकी भविष्य की जिम्मेदारियां इसरो के भविष्य के मिशन जैसे मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम (गगनयान मिशन) आदि के लिए रॉकेट के विभिन्न चरणों को डिजाइन करना भी है। राशिद ने वर्ष 2017 में जामिया से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक पूरा किया। उन्होंने एआईआर-11वीं रैंक हासिल की और 2017 में ही इसरो में वैज्ञानिक के रूप में चयनित हुए।
वह मार्च, 2018 से अंतरिक्ष संगठन के साथ काम कर रहे हैं। जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) के पूर्व छात्र मोहम्मद अदनान ने भी अंतरिक्ष एजेंसी के ऐतिहासिक मिशन चंद्रयान-3 में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मोहम्मद अदनान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में 2008 से काम कर रहे हैंI अदनान वर्तमान में इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क में वैज्ञानिक 'एफ' के पद पर कार्यरत हैं।
अदनान पिछले 15 साल से इसरो से जुड़े हैं और चंद्रयान-2 और मिशन मार्स (एमओएम) की टीम का भी हिस्सा रह चुके हैं। बिहार के दरभंगा से ताल्लुक रखने वाले अदनान ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया से वर्ष 2007 में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (कंप्यूटर साइंस) और वर्ष 2003 में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया था।
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