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2018 में बरामद हुए थे दुर्लभ कछुए, अब कोर्ट ने दिया ये आदेश, पढ़े अनोखी खबर
jantaserishta.com
3 April 2021 10:19 AM GMT
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मध्यप्रदेश में कोर्ट के आदेश के बाद अब 5 अफ्रीकी कछुओं को लोग देख सकेंगे. तस्करों से बरामदगी के बाद से इन कछुओं को प्राकृतिक आवास में छोड़ने का इंतज़ार हो रहा था. कोर्ट से आदेश भी मिल चुका था लेकिन सरकारी कागज़ी कार्रवाई में लंबा वक्त निकल गया.
दरअसल, वाइल्डलाइफ एसटीएफ ने नवंबर 2018 में सिवनी से 2 तस्करों को गिरफ्तार किया था. इन तस्करों के पास से सुलकाटा प्रजाति के दुर्लभ कछुए बरामद हुए थे. कछुओं की यह प्रजाति मूल रूप से अफ्रीका में पाई जाती है. तस्करों ने बताया था कि अफ्रीका से बांग्लादेश होते हुए इसे भारत मे लाया गया और मुंबई ले जाया जा रहा था. यह कछुए अफ्रीका के रेगिस्तानी इलाकों में पाए जाते हैं और गर्म वातावरण में रहने के आदी होते हैं.
तस्करों से बरामदगी के बाद सभी कछुओं को भोपाल के वन विहार भेज दिया गया था लेकिन कोर्ट प्रकरण के चलते इन्हें यहां डिस्पले में नहीं रखा गया था. कोर्ट ने कछुओं को प्राकृतिक आवास में भेजने का निर्देश दिया था जिसके बाद वाइल्डलाइफ एसटीएफ ने कस्टम विभाग और नेशनल जू ऑथोरिटी को पत्र लिखा था. कस्टम विभाग को पत्र भेजने के पीछे मंशा थी कि कछुओं को वापस अफ्रीका भेजा जाए हालांकि ऐसा हो नहीं पाया. अब नेशनल जू ऑथोरिटी की मंजूरी के बाद वाइल्डलाइफ एसटीएफ ने वन विहार में रह रहे इन कछुओं को विजिटर्स को दिखाने के लिए डिस्प्ले में रखने की तैयारी कर ली है.
सुलकाटा प्रजाति के यह कछुए दुर्लभ प्रजाति (Endangered Species) के दायरे में आते हैं इसलिए इनके परिवहन और शिकार तक पर पाबंदी है. कस्टम नियमों के तहत इनको भारत में लाने के लिए जिन प्रावधानों का पालन करना होता वो नहीं किया गया इसलिए इन्हें जब्त किया गया था. फिलहाल सुलकाटा प्रजाति के 5 कछुए वन विहार में मौजूद हैं.
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