भारत सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट हुआ डिले, मार्च से नहीं चलेगी रैपिड रेल
गाजियाबाद: भारत सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल (RRTS) डिले हो गया है। भारत की पहली रीजनल रैपिड रेल अब जून से पहले नहीं चल पाएगी। पहले इसका संचालन मार्च-2023 से प्रारंभ करने का दावा किया गया था। NCRTC अधिकारियों ने शुक्रवार को साहिबाबाद स्टेशन पर पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में इसकी जानकारी दी। हालांकि उन्होंने ये प्रोजेक्ट डिले होने की वजह नहीं बताई, लेकिन ये माना जा रहा है कि काम अधूरा रहने से ऐसा हुआ है। ऐसे में NCR के शहरों में रहने वाले लाखों लोगों को अब रैपिड रेल का सफर करने के लिए थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा।
दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर की लंबाई 82 किलोमीटर है। पहले फेज में इसका संचालन गाजियाबाद के साहिबाबाद स्टेशन से दुहाई डिपो तक होना है। इन दोनों स्टेशनों की दूरी 17 किलोमीटर है। इस 17 km दूरी में कुल पांच स्टेशन बनाए गए हैं। गुजरात के सांवली स्थित एलस्टॉम कंपनी के प्लांट से रैपिड रेल के पांच ट्रेन सेट दुहाई डिपो पर आ चुके हैं। इनकी सभी प्रकार की टेस्टिंग भी लगभग पूरी हो चुकी है।
NCRTC ने दावा किया था कि नए साल के आखिर में वे ट्रायल रन करेंगे और मार्च-2023 से पहले फेज में रैपिड रेल का संचालन शुरू कर देंगे। लेकिन ये संभव नहीं हो पाया। NCRTC आज तक ट्रायल रन नहीं कर सका है। वो बात अलग है कि रैपिड रेल को 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड पर दौड़ाकर कई बार देखा जा चुका है, लेकिन NCRTC इसे ट्रायल रन नहीं मानता।
अब NCRTC अधिकारियों ने शुक्रवार को साफ तौर पर कहा है कि मार्च-23 में इसका संचालन शुरू नहीं हो पाएगा। अभी पहले फेज में कुछ काम अधूरा है। उसे पूरा करने में वक्त लगेगा। ऐसे में जून से संचालन शुरू होने की नई उम्मीद जताई गई है। बताया जा रहा है कि पहले फेज के सभी पांच स्टेशनों पर अभी करीब 25 से 30 फीसदी काम अधूरा है। इसे पूरा होने में वक्त लगेगा।