दिल्ली। मानसून के चलते दिल्ली के लोगों को मिली प्रदूषण से राहत अब समाप्त हो गई है। हवा की दिशा में बदलाव के साथ दिल्ली में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा है। शुक्रवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 अंक से ऊपर यानी खराब श्रेणी में पहुंच गया। इससे पहले 14 जून को वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब श्रेणी में रहा था। दिल्ली के लोग बीते साढ़े तीन महीने से साफ हवा में सांस ले रहे थे।
इस बार राजधानी में मानसून समय से पहले पहुंचा था और जुलाई में भी अच्छी बारिश हुई थी। हालांकि, अगस्त और सितंबर के महीनों में सामान्य से कम बारिश हुई, लेकिन अन्य स्थानों पर हो रही बारिश और मानसूनी हवाओं के चलते हवा आमतौर पर साफ बनी रही। इस बीच 10 सितंबर को वायु गुणवत्ता स्तर सबसे ज्यादा साफ रहा। इस दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक 45 अंक पर था, यानी हवा अच्छी स्तर पर थी, लेकिन अब मानसून की वापसी के साथ ही हवा में एक बार फिर से प्रदूषक कणों में तेजी से इजाफा हो रहा है।
खासतौर से पिछले तीन दिनों से वायु गुणवत्ता सूचकांक में इजाफा हुआ है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, शुक्रवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 212 अंक पर रहा। इस स्तर की हवा को खराब श्रेणी में रखा जाता है। इससे पहले 14 जून को वायु गुणवत्ता सूचकांक 213 अंक पर यानी खराब श्रेणी में रहा था। दिल्ली के मुंडका इलाके की हवा सबसे ज्यादा खराब श्रेणी में रही। यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक 324 यानी बेहद खराब श्रेणी में रहा। सरकार ने राजधानी में प्रदूषण के 13 हॉट स्पॉट चिह्नित किए थे, इनमें मुंडका, वीजरपुर, जहांगीरपुरी भी शामिल हैं।