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कोरोना पॉजिटिव मरीजों में टीबी के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिए ये आदेश
jantaserishta.com
17 July 2021 5:54 PM GMT
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नई दिल्ली: देश में कोरोना के मरीजों में टीबी यानी तपेदिक के मामले बढ़ने की खबरें मिल रही हैं। इसको देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी कोरोना पाजिटिव मरीजों के लिए टीबी की जांच कराने को कहा है। साथ ही टीबी के मरीजों के लिए भी कोरोना जांच की सिफारिश की है। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक कुछ मीडिया में रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि कोरोना के मरीजों में अचानक ही टीबी के मामले बढ़ रहे हैं।
सरकार ने सभी कोरोना संक्रमितों के लिए टीबी और टीबी के रोगियों के लिए कोरोना जांच की सिफारिश की
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रतिदिन इस तरह के दर्जनों मामले सामने से डाक्टर भी चिंतित हैं। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा गया है कि वे अगस्त, 2021 तक बेहतर निगरानी और टीबी तथा कोविड-19 के मामलों का पता लगाने के प्रयासों में एकरूपता लाएं। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीबी-कोविड और टीबी-आइएलआइ/एसएआरआइ की द्वि-दिशात्मक जांच की आवश्यकता को दोहराते हुए कई सलाह और मार्गदर्शन भी जारी किए हैं। कई राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इसे लागू भी कर रहे हैं।
पाबंदियों के चलते टीबी के मामलों में कमी
मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना महामारी संबंधी पाबंदियों के चलते पिछले साल टीबी के मामलों की सूचनाओं में 25 फीसद की कमी आई थी, लेकिन सभी राज्यों द्वारा इस प्रभाव को कम करने के लिए टीबी के मरीजों का पता लगाने के लिए ओपीडी में विशेष जांच की जा रही है और समुदायों में भी अभियान चलाया जा रहा है।
हालांकि, वर्तमान में ऐसे पर्याप्त सुबूत नहीं मिले हैं, जिसके आधार पर यह जाए कि कोरोना के चलते टीबी के मरीज बढ़ रहे हैं या केस का पता लगाने के प्रयासों से टीबी के मरीज ज्यादा मिल रहे हैं। टीबी और कोरोना की दोहरी रुग्णता को इस तथ्य के माध्यम से और अधिक उजागर किया जा सकता है कि दोनों बीमारियों को संक्रामक माना जाता है और खासतौर से दोनों संक्रमण फेफड़ों पर हमला करते हैं। इनके रोगियों में खांसी, बुखार और सांस लेने में कठिनाइयों जैसे लक्षण पाए जाते हैं।
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