देश में रैपिड की चर्चा शुरू: दिल्ली-मेरठ नहीं पूरे एनसीआर के लिए मिसाल बनेगी रैपिड ट्रैन
दिल्ली एनसीआर-मेरठ: बुलेट ट्रेन जैसी आकर्षक दिखने वाली देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन रैपिड की चर्चाएं अब देश भर में होने लगी हैं। सोशल मीडिया के साथ साथ दिल्ली के प्रगति मैदान मेें टेÑेड फेयर के दौरान रैपिड के स्टॉल ने इसकी चर्चाएं आम कर दी हैं। यही कारण है कि लोग रैपिड के संचालन का बेसब्री से इंतेजार कर रहे हैं। रैपिड की एहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अभी रैपिड के पहले कॉरिडोर पर संचालन शुरू भी नहीं हुआ है लेकिन देश में इसके विस्तार का खाका खिंचने लगा है।
रैपिड का पहला कॉरिडोर (दिल्ली-मेरठ) 82 किलोमीटर लम्बा है और इसके निर्माण पर कुल 30 हजार 274 करोड़ रुपए का खर्च आ रहा है। एनसीआरटीसी अधिकारियों के अनुसार जब रैपिड दिल्ली से मेरठ के बीच अपनी फुल लैंथ के साथ दौड़ेगी तो सड़कों पर से वाहनों का दबाव तो कम होगा ही साथ ही साथ प्रदूषण के लेवल में भी खासी कमी की उम्मीद है। रैपिड अधिकारियों के अनुसार दिल्ली से मेरठ के बीच प्रतिदिन आठ लाख लोग सफर करेंगे और एक लाख वाहनों का दबाव सड़कों पर से कम हो जाएगा।
इस स्थिति में जहां एक लाख वाहन कम होने से सड़कों का मेंटिनेंस कम रह जाएगा वहीं किसी हद तक जाम से भी छुटकारा मिलेगा। रैपिड के किराए पर अभी कोई अन्तिम फैसला नहीं हुआ है। एनसीआरटीसी अधिकारियों के अनुसार इस पर मंथन जारी है। रैपिड के संचालन से उत्साहित शासन-प्रशासन के अलावा एनसीआरटीसी के अधिकारी अब रैपिड कॉरिडोर के विस्तार पर भी काम कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार दिल्ली मेरठ रैपिड रूट शुरू होने के बाद इसका विस्तार एनसीआर के अन्य शहरों में भी प्रस्तावित है ताकि पूरे एनसीआर को जाम के झाम से छुटकारा मिल सके।
रैपिड के नए रूट: दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर शुरू होने के बाद दिल्ली-पानीपत एवं दिल्ली-गुड़गांव-अलवर रूट पर काम शुरू होगा। 103 किलोमीटर लम्बे दिल्ली-पानीपत रूट पर कुल 16 स्टेशन होंगे और इसके निर्माण पर 6.3 बिलियन यूएस डॉलर की लागत आने का अनुमान है जबकि दिल्ली-गुड़गांव-अलवर रूट पर 18 स्टेशन प्रस्तावित हैं और इसके निर्माण पर कुल 5.9 बिलियन यूएस डॉलर खर्च होने का अनुमान है।
रैपिड के अन्य प्रस्तावित रूट:
दिल्ली-रोहतक कॉरिडोर (66 किमी)
दिल्ली-पलवल कॉरिडोर (86 किमी)
गाजियाबाद-खुर्जा कॉरिडोर (66 किमी)
गाजियाबाद-हापुड़ कॉरिडोर (40 किमी)
गाजियाबाद-भदौर कॉरिडोर (54 किमी)