DEMO PIC
झारखंड के धनबाद (Dhanbad) में अपनी पत्नी के साथ हुए अत्याचार मामले में न्याय नहीं मिलने से दुखी होकर पति ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. घटना गलफरबाड़ी थाना क्षेत्र के एग्यारकुंड पानी टंकी इलाके की है. बताया जा रहा है कि पुलिस की कार्रवाई से नाखुश सुजीत उर्फ मंटू दूबे ने शनिवार को अपने घर पर गले में फंदा डालकर आत्महत्या (Suicide) का प्रयास किया. परिजनों ने आसपास के लोगों के साथ मिलकर दरवाजा तोड़ा और सुजीत को फंदे से नीचे उतारा. फौरन उसे धनबाद पीएमसीएच (Dhanbad PMCH) में भर्ती कराया था. लेकिन मंगलवार की सुबह उसकी मौत हो गयी.
मिली जानकारी के मुताबिक एक माह पूर्व मंटू दुबे का अपने चचेरे भाई रंजीत दुबे और उसके दोस्त संदीप रजक का झगड़ा हुआ था. जिसमें दोनों पक्षों की ओर से गलफरबाड़ी ओपी में एक-दूसरे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गयी थी. मंटू की पत्नी ने दोनों पर रेप का प्रयास करने का आरोप लगाया था. जिसमें दोनों पुलिस की नजर में फरार चल रहे थे लेकिन वो खुलेआम घूम रहे थे. आरोप है कि रंजीत और संदीप ने मंटू से कहा कि हम लोगों का पुलिस कुछ नहीं बिगाड़ सकती है. मैंने ओपी प्रभारी से लेकर आला अफसरों को रुपये दिये हैं. मंटू नशे में था और इस बात को उसने दिल से लगा लिया. उसने अपनी पत्नी और पिता से कहा कि पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है और दोनों आरोपी इसे लेकर लगातार उसे जलील कर रहे हैं. वो जलालत की जिंदगी नहीं जी सकता इसलिए अपनी जान दे देगा.
मंटू दुबे ट्रेन के आगे कूद जान देने के लिये रेलवे ट्रैक की ओर दौड़ा. लेकिन लोगों ने उसे पकड़ लिया और किसी तरह वापस घर ले आये. लेकिन वो जान देने की जिद पर अड़ा रहा. इस बीच, मौका देख उसने खुद को कमरे में बंद कर लिया और फंदे से झूल गया. मंटू की मौत के बाद आसपास के लोग आक्रोशित हो गए, काफी संख्या में लोग ओपी परिसर में जुट गए और वहां सुजीत के शव को जमीन पर रखकर धरने पर बैठ गए. उन्होंने वहां जमकर हंगामा किया और तोड़फोड़ की. इस दौरान उन्होंने पुलिस के साथ हाथापाई भी की. लोगों के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए अंचल के सभी पुलिस एवं प्रभारी मौके पर पहुंचे. जिसके बाद ओपी परिसर पूरी तरह से पुलिस छावनी में तब्दील हो गया. लोगों ने ओपी प्रभारी संजय उरांव पर मामले में गंभीरता नहीं बरतने का आरोप लगाते हुए आरोपी की अविलंब गिरफ्तारी की मांग की.