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रेप पीड़िता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, कही ये बात

jantaserishta.com
1 Nov 2022 3:53 AM GMT
रेप पीड़िता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, कही ये बात
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक | DEMO PIC 

अस्पताल के मेडिकल बोर्ड को 14 साल की नाबालिग बच्ची के गर्भ की जांच करने के आदेश दिए हैं.
मुंबई: मुंबई की एक रेप पीड़िता ने 26 हफ्ते का गर्भ गिराने की अनुमति के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. रेप पीड़िता की याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने जेजे अस्पताल के मेडिकल बोर्ड को 14 साल की नाबालिग बच्ची के गर्भ की जांच करने के आदेश दिए हैं. बॉम्बे हाईकोर्ट ने सरकारी अस्पताल के मेडिकल बोर्ड को ये भी निर्देश दिया है कि पीड़िता की गर्भावस्था की जांच कर 2 नवंबर तक रिपोर्ट सौंप दें.
जस्टिस एमजे जामदार और जस्टिस कमल खाता की बेंच ने रेप पीड़िता की याचिका पर सुनवाई की. याचिका में गर्भपात कराने की अनुमति मांगते हुए ये कहा गया है कि रेप पीड़िता नाबालिग लड़की 26 हफ्ते की गर्भवती है. मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट के प्रावधानों के तहत 20 हफ्ते की अवधि के बाद गर्भपात के लिए हाईकोर्ट की अनुमति जरूरी है.
आरोप के मुताबिक पीड़िता के चाचा ने नवंबर 2021 से कई बार उसके साथ रेप किया. पीड़िता की मां की तबीयत बिगड़ने के बाद उसका चाचा परिवार के साथ ही रहने लगा था. रायगढ़ जिले में पीड़िता के घर में ही आरोपी चाचा ने रात के समय कई बार उसका रेप किया और साथ ही मुंह खोलने पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी.
बाद में पीड़िता की मां की तबीयत और बिगड़ गई जिसके बाद वो इलाज के लिए अपने परिवार के साथ मुंबई आ गई और आरोपी के घर पर ही रहने लगी. यहां भी आरोपी ने कई बार उसके साथ रेप किया. 8 अक्टूबर को लड़की को पेट दर्द की शिकायत पर सरकारी अस्पताल ले जाया गया जहां उसके गर्भवती होने की बात खुली. पीड़िता ने इसके बाद परिजनों को आपबीती बताई और हिम्मत जुटाकर आरोपी के खिलाफ रेप का मामला दर्ज कराया.
पीड़िता के परिजनों की शिकायत पर 24 अक्टूबर को आईपीसी और पॉक्सो एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत आरोपी के खिलाफ केस दर्ज हुआ था. इसके बाद पीड़िता की ओर से बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गर्भपात की अनुमति मांगी गई थी. याचिका में कहा गया है कि पीड़िता खुद अभी बच्ची है और वह बच्चे को जन्म नहीं देना चाहती.
कोर्ट ने नाबालिग की याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने जेजे अस्पताल के अधिकारियों को ये निर्देश दिया कि वे पीड़िता को भर्ती करें. कोर्ट ने ये भी कहा कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट के प्रावधानों के मुताबिक तत्काल मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाए. नाबालिग की गर्भावस्था की जांच कर रिपोर्ट 2 नवंबर या उससे पहले कोर्ट को सौंपी जाए.
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