रेप केस: 10 साल बाद तीनों दोषियों को SC ने रिहा करने का दिया आदेश

उत्तराखंड। देश की सबसे बड़ी अदालत ने उत्तराखंड के छावला रेप केस में 10 साल बाद तीनों दोषियों को बड़ी राहत देते हुए रिहा कर दिया. अब ऐसे में सवाल उठता है कि अगर तीनों दोषी रिहा हो गए तो छावला की 'निर्भया' के साथ हद दर्जे की हैवानियत को किसने अंजाम दिया था? निर्भया कांड के बाद देश में यह दूसरी ऐसी घटना थी, जिसमें एक लड़की के साथ इस कदर दरिंदगी की गई थी, जिसे सुनकर किसी भी इंसान का कलेजा कांप जाए. आज हम आपको बताने जा रहे हैं, उसी रोंगटे खड़े कर देने वाली खौफनाक वारदात की कहानी.
यही वो दिन था, जब एक खौफनाक वारदात ने पूरे सूबे को हिलाकर रख दिया था. रोज की तरह उस दिन भी देर शाम को छावला की रहने वाली 19 साल की रोशनी (बदला हुआ नाम) अपने कुछ दोस्तों के साथ गुड़गांव से काम खत्म कर बस से घर वापस लौट रही थी. उसे अंदाजा भी नहीं था कि आगे एक अनहोनी उसका शिद्दत से उसका इंतजार कर रही थी. कुछ देर बाद वो बस से उतरी और तेज़ कदमों से घर की तरफ पैदल ही चलने लगी. तभी पीछे से एक लाल रंग की इंडिका कार ने उसका रास्ता रोक लिया. कार में सवार तीन बदमाशों रोशनी कोजबरन पकड़कर कार में खींच लिया और उसे अगवा कर अपने साथ ले गए.
काम पर जाने के लिए रोशनी घर से तो सही वक्त पर निकली थी. लेकिन उस दिन वो देर शाम तक घर नहीं लौटी तो उसके घरवालों को चिंता सताने लगी. परिजन उसकी तलाश में जुट गए. उन्होंने उसे कई जगह तलाश किया. जहां वो काम करती थी, वहां भी पता किया. लेकिन रोशनी की कोई खबर घरवालों को नहीं मिली. काफी खोजबीन करने के दौरान उन्हें इतना ज़रूर पता चला कि कुछ अज्ञात बदमाश जबरन एक लड़की को गाड़ी में डालकर दिल्ली से बाहर की तरफ जाते हुए देखे गए हैं.
रोशनी के घरवालों को किसी अनहोनी की आशंका सता रही थी. उसके पिता एक मामूली गार्ड की नौकरी करते थे. वो बेटी को लेकर बेहद परेशान थे. इसके बाद उन लोगों ने दिल्ली पुलिस से मदद लेने का फैसला किया. पुलिस को फोन किया गया तो करीब घंटेभर से ज्यादा की देरी से पुलिस मौके पर पहुंची. जहां पीड़ित परिवार ने पुलिस को सारी घटना के बारे में बताया. लेकिन उस वक्त वे हैरान रह गए जब दिल्ली पुलिस के कारिंदों ने उनसे कहा कि संदिग्ध बदमाशों को ढूंढ़ने के लिए उनके पास गाड़ी उपलब्ध नहीं है.
उधर, रोशनी को अगवा कर ले जाने वाले बदमाशों ने अपनी कार हरियाणा की तरफ दौड़ा दी थी. जैसे-जैसे वक़्त गुजर रहा था, वैसे-वैसे रोशनी के साथ चलती कार में ज्यादती बढ़ती जा रही थी. बदमाश अंदरुनी रास्तों से होते हुए दिल्ली से हरियाणा जा पहुंचे. तीनों आरोपी वहीं के रहने वाले थे उन्हें कई दूसरे रास्तों का पता था. वहां पहुंचकर सबसे पहले तीनों ने एक दारु के ठेके से शराब खरीदी और फिर कार को एक सुनसान जगह पर ले जाकर शराब पीते हुए रोशनी के साथ दरिंदगी करने लगे.
उन्होंने पहले उसके कपड़े फाड़ दिए और फिर बारी-बारी से उसके साथ तीनों ने बलात्कार किया. तीनों दरिंदों ने उस लड़की के जिस्म को नोंचने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उसके जिस्म को कई जगह से दातों से काटा गया. वो दरिंदों से रहम की भीख मांगती रही, लेकिन उन पर हवस का ऐसा भूत सवार था कि वो तीनों सुनने के तैयार नहीं थे. एक तरफ दारु का नशा और दूसरी तरफ हवस का भूत. तीनों लड़के हैवान बन गए थे.
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट द्वारा दोषियों को दी गई फांसी की सजा को पलट दिया. इस मामले में निचली अदालत और हाईकोर्ट ने तीनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी. दिल्ली के छावला इलाके में उतराखंड की रहने वाली 19 वर्षीय लड़की से गैंगरेप और हत्या के तीनों दोषियों को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बरी कर दिया.
