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सीएम के खिलाफ दुष्कर्म का मामला, अब याचिका वापस लेने महिला ने हाईकोर्ट में दी अर्जी

Admin2
6 April 2021 3:45 PM GMT
सीएम के खिलाफ दुष्कर्म का मामला, अब याचिका वापस लेने महिला ने हाईकोर्ट में दी अर्जी
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जानिए पूरा मामला

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ दुष्कर्म और आपराधिक धमकी के आरोप लगाने वाली महिला ने अपनी याचिका वापस लेने के लिए अर्जी दी है। पीड़िता ने उच्च न्यायालय से कहा कि वह अपनी याचिका वापस लेना चाहती है। याचिका में हेमंत सोरेन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की गुहार लगाई गई थी। कोर्ट ने नई अर्जी को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है और बुधवार की तारीख दी है। लोक अभियोजक दीपक ठाकरे ने न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पिटाले की पीठ से कहा कि महिला ने वर्ष 2013 में सोरेन के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराने के लिए मजिस्ट्रेटी अदालत में अर्जी दी थी। ठाकरे ने अदालत को बताया, 'महिला ने अपनी शिकायत उसी साल वापस ले ली थी। पिछले साल अगस्त में महिला ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर कहा कि उसके साथ हादसा हो गया था और आशंका जताई कि इसके पीछे भी सोरेन का हाथ था। महिला ने बाद में वह याचिका भी वापस ले ली।

लोक अभियोजक ने झारखंड के पूर्व पत्रकार सुनील कुमार तिवारी और गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) 'स्त्री रोशनी ट्रस्ट' की ओर से दाखिल दो याचिकाओं का भी विरोध किया। इन याचिकाओं में उच्च न्यायालय से हस्तक्षेप करने और महिला को अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति नहीं देने का अनुरोध किया गया है। ठाकरे ने कहा, 'हस्तक्षेप करने वालों (तिवारी एवं एनजीओ) का मामले से कोई संबंध नहीं है जबकि शिकायतकर्ता स्वयं अपनी याचिका वापस लेना चाहती हैं। वहीं, महिला की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अबाद पोंडा ने अदालत से कहा कि उनके मुवक्किल को याचिका जारी रखने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता अगर वह ऐसा नहीं चाहती। पोंडा ने कहा, 'महिला का मामले में हस्तक्षेप करने वालों से कोई संबंध नहीं है। ऐसा लगता है कि उनके पीछे कुछ राजनीतिक पार्टियां हैं।

पीठ ने पोंडा से पूछा कि क्या महिला न्यायाधीशों से उनके चेंबर में मिलना चाहती है। पोंडा ने इसे स्वीकार किया जिसके बाद महिला न्यायाधीशों से चेंबर में मिली। अदालत इस मामले की सुनवाई अब बुधवार को करेगी।

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