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17 लड़कियों के साथ रेप की कोशिश, मामले को दबाने में लगे पुलिस अधिकारी पर गिरी

Nilmani Pal
7 Dec 2021 6:24 AM GMT
17 लड़कियों के साथ रेप की कोशिश, मामले को दबाने में लगे पुलिस अधिकारी पर गिरी
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शर्मनाक घटना

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले (Muzaffar Nagar News) में दो प्राइवेट स्कूल के मैनेजरों पर 17 लड़कियों को कथित रूप से नशीला पदार्थ पिलाकर यौन उत्पीड़न (Molestation) करने तथा बलात्कार की कोशिश (Rape Attempt) करने का आरोप लगा है. पुलिस ने इस मामले में दोनों लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. इसके साथ ही इस मामले में लापरवाही बरतने को लेकर एक पुलिस अधिकारी को लाइन हाजिर कर दिया गया है.

मुजफ्फरनगर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने सोमवार को बताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और स्थानीय विधायक प्रमोद उटवाल के हस्तक्षेप के बाद परिवार की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया. उन्होंने बताया कि पुरकाजी पुलिस थाना के प्रभारी विनोद कुमार सिंह को इस मामले में कथित लापरवाही बरतने को लेकर लाइन हाजिर कर दिया गया. वहीं भोपा थाना स्थित सूर्य देव पब्लिक स्कूल के संचालक योगेश कुमार चौहान और पुरकाजी क्षेत्र में पड़ने वाले जीजीएस इंटरनेशनल स्कूल के संचालक अर्जुन सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न, नशीला पदार्थ देने और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है. यादव ने बताया कि यह कथित घटना उस समय हुई, जब योगेश सूर्य देव पब्लिक स्कूल में 10वीं में पढ़ने वाली 17 लड़कियों को प्रायोगिक परीक्षा दिलाने के लिए जीजीएस स्कूल में लेकर गए थे और उन्हें वहां रातभर रुकना था. पीड़िताओं के परिजन की शिकायत के अनुसार, दोनों आरोपियों ने नाबालिग लड़कियों को कथित रूप से नशीला पदार्थ पिलाकर उनका यौन उत्पीड़न किया और बलात्कार करने की कोशिश की.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) यादव ने भी बताया कि परिजनों की शिकायत है कि आरोपियों ने लड़कियों को धमकी दी कि वे घटना के बारे में किसी को नहीं बताएं. परिजन के अनुसार, जब वे स्थानीय पुलिस के पास पहुंचे, तो उन्होंने कोई कदम नहीं उठाया, जिसके बाद उन्होंने विधायक से संपर्क किया. एसएसपी ने बताया कि स्कूल प्रबंधन के दो लोगों के खिलाफ भारतीय दंड की धारा 328 (अपराध करने के इरादे से जहर आदि से नुकसान पहुंचाना), धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल प्रयोग करना) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO) की संबद्ध धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.


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