रेप का आरोपी खुलेआम दे रहा धमकी, 7 पर FIR, पीड़ित पक्ष सदमे में
गोरखपुर: नाबालिग बच्ची से रेप के आरोपित बर्खास्त सिपाही ने मामले में सुलह नहीं करने पर पीड़ित परिवार को हत्या की धमकी दी है। धमकी से सहमे पीड़ित पक्ष की शिकायत पर तिवारीपुर पुलिस ने बर्खास्त सिपाही, उसके साढ़ू (पुलिस विभाग में सिपाही) समेत सात लोगों पर केस दर्ज किया है। इससे पहले आरोपी सिपाही बदला लेने और सुलह के लिए दबाव बनाने के मकसद से पीड़ित पक्ष के खिलाफ गोरखपुर-महराजगंज और बस्ती में पांच केस दर्ज करा चुका है, जिसमें एक में स्टे और तीन में एफआर लग चुकी है।
मामला 2021 से शुरू होता है। तिवारीपुर में किराये के मकान में रहने वाले सिपाही पर मकान मालिक की नाबालिग भांजी के साथ दुष्कर्म का आरेाप लगा। सिपाही इस मामले में जेल गया। उसकी नौकरी भी चली गई। तब इसका बदला लेने के साथ ही सुलह कराने के लिए सिपाही ने मुकदमे को ही हथियार बनाया और अपनी पत्नी की तरफ से 156 (3) के तहत पीड़िता के दो मामा पर रेप का केस दर्ज कराया। हालांकि इस मुकदमे में आरोपित पक्ष ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और उसे स्टे मिल गया। सिपाही का रिश्तेदार भी सिपाही है लिहाजा उसने महराजगंज जिले के फरेंदा में एक व्यक्ति से एससी-एसटी का मुकदमा दर्ज करवाया, जिसमें विवेचना में एफआर लग गयी। यह दोनों मुकदमे 2021 में दर्ज हुए थे।
आरोप है कि जब सिपाही को लगा कि उसके परिवार के लोगों की तरफ से केस होगा तो उसमें उसपर सवाल उठेंगे। तब उसने एक महिला को जरिया बनाया और उसकी बेटी को पीड़ित बताकर 156 (3) के तहत बस्ती जिले के लालगंज में दुष्कर्म और धमकी, जालसाजी सहित अन्य धारा में केस दर्ज कराया। विवेचना के दौरान यह तथ्य सामने आया कि महिला सिपाही से जुड़ी हुई है, जिसके बाद मुकदमे में एफआर लग गई।
दस अप्रैल 2022 की घटना दिखाकर महिला 156 (3) के तहत गोरखनाथ में केस दर्ज कराई जिसमें बाद में एफआर लग गई। उसके बाद एक बार फिर महिला 15 नवम्बर 2022 की घटना बताकर कोर्ट पहुंची और इस बार छोटी बेटी को पीड़ित और बड़ी बेटी को गवाह बनाया, जिसमें छेड़खानी और पाक्सो एक्ट सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया। वहीं इस मामले में आरोपित बनाए गए दोनों भाइयों को कोर्ट ने तलब किया है।
मिली जानकारी के अनुसार सात दिसम्बर 2023 की सुबह 7:30 बजे रेप पीड़िता के दोनों मामा बाइक से दूध बांटने जा रहे थे। सूरजकुण्ड ओवरब्रिज से उतर कर जैसे ही रेलवे लाइन पटरी के पास पहुंचे, वहां पहले से एक बाइक पर बर्खास्त सिपाही अपने भाई के साथ मौजूद था। उसने दोनों भाइयों को गाली देते हुए धमकी दी और कहा कि रेप का मामला तुरंत वापस ले लो नहीं तो पूरे परिवार को जान से खत्म कर देंगे। इसके बाद पीड़ित पक्ष ने थाने पर पहुंचकर शिकायत की, जिसपर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।
इससे पहले एक महिला का एक गैंग और हास्पिटल संचालक विकास सिन्हा का गैंग सामने आ चुका है। यह दोनों गैंग वसूली के लिए फर्जी रेप केस दर्ज कराते थे। पुलिस की जांच में इनकी करतूत सामने आई और केस भी दर्ज किया गया। महिला गैंग पर मुकदमा तो दर्ज है लेकिन अभी गिरफ्तारी नहीं है जबकि विकास कुमार सिन्हा को पिछले दिनों पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। हालांकि उसके गिरोह में शामिल देवरिया जिले की तीन महिलाएं जिसमें एक मां-बेटी भी शामिल हैं उनकी अभी गिरफ्तारी नहीं हुई है। रंगदारी मांगने के साथ ही उधार लिए पैसे न चुकाना पड़े इस लिए केस दर्ज कराता था।