यूपी। उत्तर प्रदेश की रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने वाले हैं. ये चुनाव भाजपा और सपा के बीच वर्चस्व की लड़ाई बन गया है. सपा ने इस सीट पर आजम के खासमखास आसिम रजा को टिकट दिया है तो वहीं बीजेपी ने यहां से आकाश सक्सेना को मैदान में उतारा है.
सपा नेता आजम खान ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. वे लोगों से भावुक अपील कर रहे हैं. एक तरफ आजम खान की ये बातें उनके चाहने वालों के दिल में दर्द पैदा कर रही हैं तो दूसरी तरफ विपक्ष इसे सोची-समझी स्क्रिप्ट बता रहा है. आजम खान ने रामपुर के मोहल्ला नाला पार में हुए जलसे में उनके खिलाफ जारी एक्शन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'मैं और मेरी औलाद अदालत के सामने अपनी बेगुनाही साबित नहीं कर सके. ना हम अस्पताल का सर्टिफिकेट साबित कर सके और ना ही नगर-निगम का सर्टिफिकेट साबित कर पाए. हम मां मैटरनिटी लीव और डॉक्टर का बयान भी साबित नहीं कर सके. अब हम सजा के दरवाजे पर खड़े हैं. जेल हमारा इंतजार कर रही है. हमारे साथ जो सुलूक हुए वो हिटलर ने यहूदियों के साथ भी नहीं किए थे.'
आजम खान ने कहा आगे कहा, 'मैं अपने बच्चे की उम्र साबित नहीं कर सका, उसे पैदा करने वाली मां अपनी औलाद की उम्र साबित नहीं कर सकी. यह हमारी बदकिस्मती नहीं तो और क्या है? उन्होंने कहा कि उसके दो पैन कार्ड और दो पासपोर्ट हैं. जबकि सच ये है कि एक खारिज हुआ है तब दूसरा बना है.' दरअसल, आजम खान के बेट अब्दुल्लाह आजम पर फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने का आरोप है. पुलिस के मुताबिक एक सर्टिफिकेट में अब्दुल्ला की बर्थडेट 1 जनवरी 1993 दर्ज है. ये सर्टिफिकेट रामपुर नगर पालिका ने जारी किया था. वहीं, दूसरे सर्टिफिकेट में उनकी बर्थडेट 30 सितंबर 1990 दर्ज है. इसमें उनका जन्मस्थान लखनऊ बताया गया है. उन पर उम्र (25 साल) होने से पहले विधानसभा चुनाव लड़ने का आरोप है.
सभा को संबोधित करते हुए सोमवार को आजम खान ने आसिम राजा के लिए वोट करने की अपील की. संबोधन के दौरान आजम खान ने एक व्यक्ति के हंसने पर आपत्ति जताया. उन्होंने कहा, 'आप अपने पर हंस रहे हैं या हम पर हंस रहे हैं. कितना हंसोगे अपने ऊपर? हम पर तो दुनिया हंस रही है, थू कह रही है. हंसो और हंसो हमसे ज्यादा बेशर्म और कौन हो सकता है, इतना कुछ कहने के बाद भी तुम्हारे अंदर हंसने की हिम्मत है. मैं दाद देता हूं तुम्हारी सेहत को.'
सरकार पर निशाना साधते हुए आजम खान ने कहा, 'सरकारें बहुत सी आईं. हमारी सरकारें भी आईं, लेकिन अमन-शांति और मोहब्बत बरकरार रहे. हमें नहीं पता था कि सरकारों का काम घरों के दरवाजे तोड़ना, औरतों के चेहरों पर थप्पड़ मारना और बेगुनाहों को सालों तक जेलों में डाल देना, हाथों से कलम और मुंह से जबान खींच लेना है. हमने तो समझा था कि हम विधायक हो गए, सांसद हो गए, मंत्री हो गए, हमें सड़कें बनवानी हैं, पुलिया बनवानी है, इमारतें बनवानी हैं, पेंशन करानी है.' आजम खान ने आगे कहा,'मैं चोर हूं, बकरियों, भैंसों, मुर्गियों और किताबों का डाकू हूं. ऐसे लाखों लोग पैदा होने चाहिए जो मुर्गियां, भैंसों और किताबों की डकैती करें, लेकिन यूनिवर्सिटी बनवा दें.