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मनी लॉन्ड्रिंग केस में रमेश चंद्रा और उनकी बहू गिरफ्तार, आज होगी कोर्ट में पेशी

Ritisha Jaiswal
4 Oct 2021 6:31 PM GMT
मनी लॉन्ड्रिंग केस में रमेश चंद्रा और उनकी बहू गिरफ्तार, आज होगी कोर्ट में पेशी
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प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को यूनिटेक के संस्थापक रमेश चंद्रा और उनकी पुत्रवधू प्रीति चंद्रा तथा एक कंपनी के एक अधिकारी को रियल एस्टेट समूह और इसके प्रमोटरों के खिलाफ दर्ज धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को यूनिटेक के संस्थापक रमेश चंद्रा और उनकी पुत्रवधू प्रीति चंद्रा तथा एक कंपनी के एक अधिकारी को रियल एस्टेट समूह और इसके प्रमोटरों के खिलाफ दर्ज धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया. अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि तीनों को धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज मामले में हिरासत में लिया गया. ये मामले चंद्रा के बेटों- संजय चंद्रा और अजय चंद्रा – के खिलाफ दर्ज किये गए थे.

प्रीति चंद्रा यूनिटेक के प्रमोटर संजय चंद्रा की पत्नी हैं, जो अभी जेल में हैं. अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार होने वालों में तीसरे व्यक्ति राजेश मलिक हैं, जो कारनोस्टी मैनेजमेंट (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारी हैं. इस कंपनी का कथित रूप से दर्ज मामले के साथ संबंध है. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार तीनों आरोपियों- रमेश चंद्रा, प्रीति चंद्रा और राजेश मलिक- को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मंगलवार को अदालत में पेश कर हिरासत की मांग करेगा.
घर खरीदारों के धन की हेराफेरी करने के आरोप में चंद्रा बंधुओं गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल में रखा गया था, इसके बाद शीर्ष के न्यायालय के आदेश पर उन्हें मुंबई के तलोजा जेल में स्थानांतरित किया गया. इससे पहले ईडी ने उच्चतम न्यायालय में यह दावा किया था कि चंद्रा बंधु कारा कर्मियों की मिली भगत से तिहाड़ जेल के भीतर से अपना व्यवसाय चला रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय का धन शोधन मामला, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की कई प्राथमिकियों पर आधारित है. ये प्राथमिकी धर खरीदारों ने यूनिटेक समूह और इसके प्रमोटरों के खिलाफ दर्ज कराए थे.
इस साल की शुरुआत में यूनिटेक समूह के खिलाफ दर्ज किया गया था मामला
ईडी ने इस साल की शुरुआत में पीएमएलए की विभिन्न धाराओं के तहत यूनिटेक समूह और इसके प्रमोटरों के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज किया था. इससे पहले चंद्रा बंधुओं पर दो हजार करोड़ रुपये अवैध रूप से साइप्रस और केमैन द्वीपों पर भेजने का आरोप लगा था. प्रवर्तन निदेशालय ने चार मार्च को शिवालिक समूह, त्रिकार समूह, यूनिटेक समूह और कारनॉस्टी समूह के 35 ठिकानों पर मुंबई एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में छापेमारी की थी. ईडी ने कहा था कि इस मामले में कुल 7,638.43 करोड़ रुपए की अपराध से हासिल रकम का पता चला है और जांच एजेंसी ने जांच हिस्से के रूप में अब तक 672.52 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है.


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