उत्तराखंड में कुंभ मेले के दौरान हुए कथित कोरोना टेस्टिंग के घोटाले को लेकर योग गुरु रामदेव का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि इस मामले में जो भी दोषी हैं, उन्हें सजा दी जानी चाहिए. उन्होंने इसे मेडिकल टेररिज्म करार दिया. मालूम हो कि उत्तराखंड के हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन किया गया था, जिसमें कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट ले जाना अनिवार्य था. हालांकि, बाद में यह सामने आया था कि एक लाख कोरोना टेस्ट फर्जी थे.
रामदेव ने कथित कोविड घोटाले पर कहा, ''जिसने भी गलती की है, उसको सजा मिलनी चाहिए और दोबारा इस तरह की गलती नहीं दोहराई जानी चाहिए. जो जिम्मेदार है, उसके खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलना चाहिए. यह 'मेडिकल टेररिज्म' है.'' रामदेव ने कहा कि जब मैंने पहली बार मेडिकल टेररिज्म, मेडिकल अनार्की जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था तो लोगों ने कहा यह क्या कह रहे हैं? जो लोग इसमें शामिल हैं, उन्हें कठोर से कठोर दंड मिलना चाहिए. उन्होंने मानवता को शर्मसार किया है और ऐसे में उन्हें बख्शा नहीं जाना चाहिए.
स्विस बैंकों में बढ़े कालेधन के मामले में रामदेव ने कहा कि धन भी काला बढ़ रहा है और मन भी काला बढ़ रहा है. इससे काफी नुकसान होता है. यह कालाधन बुरे लोगों के पास पहुंच जाता है और इसकी अकाउंटिबिलिटी भी नहीं होती है. कालाधन कतई नहीं बढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने जो रिफॉर्म्स किए हैं, उससे कुछ हद तक कालेधन पर कंट्रोल आया है, लेकिन अभी भी जो कालेधन के बीमार हैं, वे बाज नहीं आ रहे हैं. योग गुरु रामदेव ने कहा कि कालेधन का मुद्दा मैंने मोदी सरकार पर छोड़ दिया है. अभी काला मन वाला हिस्सा ठीक करने का दायित्व ले रखा है. जब जरूरत पड़ेगी तो जो देशहित में होगा, वैसा करेंगे.