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अयोध्या में राम मंदिर का काम तेजी से चल रहा है। सितंबर के आखिरी या अक्टूबर के पहले हफ्ते में इसकी फाउंडेशन तैयार हो जाएगी। वहीं दिसंबर 2023 तक मंदिर के गर्भगृह में भगवान श्रीराम की स्थापना कर दी जाएगी। इसके बाद श्रद्धालु यहां आकर भगवान श्रीराम के दर्शन कर सकेंगे। सोमवार को विश्व हिंदू परिषद के एक नेता ने नागपुर में इस बात की जानकारी दी। तेजी से चल रहा है निर्माण कार्य विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय सचिव मिलिंद परांदे नागपुर में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण कार्य बहुत तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि पूरे मंदिर का निर्माण होने में तो समय लगेगा। लेकिन गर्भगृह दिसंबर 2023 तक तैयार हो जाएगा। इसके बाद यहां पर पूजा-पाठ और दर्शन किया जा सकेगा। मिलिंद परांदे ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट इस बात को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है कि यह निर्माण कार्य समय से संपन्न हो। काफी मजबूत बनाई जा रही है फाउंडेशन गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त 2020 में राम जन्मभूमि पूजन किया था। राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्रा ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया था कि मंदिर के बेस की शुरुआत मिर्जापुर के गुलाबी पत्थरों से होगी। इसी शुरुआत दिसंबर से हो जाएगी। करीब 50 फीट गहरी, 400 फीट लंबी और 300 फीट चौड़ी फाउंडेशन पर 10 इंच मोटा बिल्डिंग मैटेरियल का मिक्सचर डाला जाएगा। अनिल मिश्रा ने बताया था कि करीब 2.77 एकड़ तक फैले फाउंडेशन के टॉप पर बिल्डिंग मैटेरियल की छह परतें बिछाई गई हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अयोध्या में राम मंदिर का काम तेजी से चल रहा है। सितंबर के आखिरी या अक्टूबर के पहले हफ्ते में इसकी फाउंडेशन तैयार हो जाएगी। वहीं दिसंबर 2023 तक मंदिर के गर्भगृह में भगवान श्रीराम की स्थापना कर दी जाएगी। इसके बाद श्रद्धालु यहां आकर भगवान श्रीराम के दर्शन कर सकेंगे। सोमवार को विश्व हिंदू परिषद के एक नेता ने नागपुर में इस बात की जानकारी दी।
तेजी से चल रहा है निर्माण कार्य
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय सचिव मिलिंद परांदे नागपुर में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण कार्य बहुत तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि पूरे मंदिर का निर्माण होने में तो समय लगेगा। लेकिन गर्भगृह दिसंबर 2023 तक तैयार हो जाएगा। इसके बाद यहां पर पूजा-पाठ और दर्शन किया जा सकेगा। मिलिंद परांदे ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट इस बात को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है कि यह निर्माण कार्य समय से संपन्न हो।
काफी मजबूत बनाई जा रही है फाउंडेशन
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त 2020 में राम जन्मभूमि पूजन किया था। राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्रा ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया था कि मंदिर के बेस की शुरुआत मिर्जापुर के गुलाबी पत्थरों से होगी। इसी शुरुआत दिसंबर से हो जाएगी। करीब 50 फीट गहरी, 400 फीट लंबी और 300 फीट चौड़ी फाउंडेशन पर 10 इंच मोटा बिल्डिंग मैटेरियल का मिक्सचर डाला जाएगा। अनिल मिश्रा ने बताया था कि करीब 2.77 एकड़ तक फैले फाउंडेशन के टॉप पर बिल्डिंग मैटेरियल की छह परतें बिछाई गई हैं।
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