राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा: चर्चा में कांग्रेस नेता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ में पढ़े कसीदे
शिमला: हिमाचल प्रदेश में राम के नाम पर सियासी पारा चढ़ा हुआ नजर आ रहा है. अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर अभिषेक को लेकर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने एक स्टैंड लिया है. लेकिन राज्य का एक बड़ा राजनीतिक परिवार पार्टी लाइन से अलग हटकर चल रहा है. कांग्रेस आलाकमान द्वारा …
शिमला: हिमाचल प्रदेश में राम के नाम पर सियासी पारा चढ़ा हुआ नजर आ रहा है. अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर अभिषेक को लेकर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने एक स्टैंड लिया है. लेकिन राज्य का एक बड़ा राजनीतिक परिवार पार्टी लाइन से अलग हटकर चल रहा है. कांग्रेस आलाकमान द्वारा अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होने के फैसले के कुछ दिनों बाद, पार्टी की हिमाचल प्रदेश इकाई की प्रमुख प्रतिभा सिंह ने मंदिर निर्माण की पहल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की है.
सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर सामने आए एक वीडियो में प्रतिभा सिंह कहते हुए सुनाई दे रही हैं, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राम मंदिर निर्माण की पहल वाकई सराहनीय है'.उन्होंने यह भी कहा कि उनके दिवंगत पति और हिमाचल प्रदेश पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की देवी-देवताओं में गहरी आस्था थी और उन्होंने राज्य में कई मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया. बाद में, एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि उन्हें और उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह को एक संयुक्त निमंत्रण मिला है और उन्होंने 22 जनवरी को अयोध्या में अभिषेक समारोह में भाग लेने के बारे में अभी कोई फैसला नहीं किया है.
वीडियो में उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की कुल आबादी में 98 फीसदी हिंदू हैं और उन्होंने कहा, 'हम सभी की भगवान राम में आस्था है और हम चाहते हैं कि हमारा धर्म आगे बढ़े'. कांग्रेस के शीर्ष नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने 10 जनवरी को राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के निमंत्रण को 'सम्मानपूर्वक अस्वीकार' कर दिया था. साथ ही पार्टी ने भाजपा पर चुनावी लाभ के लिए इसे 'राजनीतिक समारोह' बनाने का आरोप लगाया और कहा कि धर्म एक 'व्यक्तिगत मामला' है.
कांग्रेस के इस फैसले पर भाजपा ने कहा कि देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी ने निमंत्रण अस्वीकार करके कुछ भी नया नहीं किया है, क्योंकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल हिंदुओं और सनातन धर्म का 'अपमान' कर रहे हैं. बीजेपी ने दावा किया कि कांग्रेस को अपने फैसले के लिए भारत के लोगों से 'बहिष्कार' का सामना करना पड़ेगा. गत 8 जनवरी को प्रतिभा सिंह के बेटे और हिमाचल सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपना रुख साफ करते हुए कहा था कि वह अयोध्या में राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे. विक्रमादित्य सिंह ने कहा था, 'यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है और मैं हिमाचल प्रदेश से आमंत्रित कुछ लोगों में शामिल होने के लिए खुद को भाग्यशाली मानता हूं. मुझे और मेरे परिवार को यह सम्मान देने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद को धन्यवाद देता हूं'.
उन्होंने कहा था, 'इस ऐतिहासिक दिन का हिस्सा बनने का यह जीवन में एक बार मिलने वाला अवसर है. देव समाज में आस्था रखने वाले एक हिंदू के रूप में यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं इस अवसर पर उपस्थित रहूं और भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा का गवाह बनूं. मैं एक हिंदू परिवार से आता हूं और मेरे मंदिर जाने का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. मैंने रिकॉर्ड पर कहा है कि हमारी मान्यताओं का किसी भी राजनीतिक विचारधारा से कोई लेना-देना नहीं है. यह मेरे और मेरे परिवार के लिए गहरी आस्था का विषय है. मैं निश्चित रूप से राम मंदिर जाऊंगा. मैं पहले ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को अपनी योजना से अवगत करा चुका हूं'. एक दिन बाद हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उन्हें अयोध्या जाने के लिए किसी निमंत्रण की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा था, 'हम प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद अयोध्या जाएंगे'.