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रक्षा बंधन: समय की हो कमी और भद्राकाल में हो राखी बांधने की मजबूरी, करें ये उपाय

jantaserishta.com
16 Aug 2024 12:02 PM GMT
रक्षा बंधन: समय की हो कमी और भद्राकाल में हो राखी बांधने की मजबूरी, करें ये उपाय
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हम आपके प्रश्न का उत्तर दे रहे हैं...
नई दिल्ली: भाई-बहन के प्यार का पर्व रक्षाबंधन 19 अगस्त (सोमवार) को पड़ रहा है। पिछली बार की तरह इस बार भी इस दिन भद्राकाल लग रहा है। क्या आपके मन में भी यह प्रश्‍न है कि रक्षाबंधन पर भद्राकाल होने के बावजूद अपने भाई को रक्षा सूत्र कैसे बांधे? तो, हम आपके प्रश्न का उत्तर दे रहे हैं।
रक्षाबंधन पर भद्राकाल के प्रकोप को जानने के लिए न्यूज़ एजेंसी ने ज्योतिषी और वास्तुशास्त्री गायत्री शर्मा से बात की। रक्षाबंधन के दिन पर बात करते हुए गायत्री शर्मा ने कहा, "हिंदू पंचांग चंद्रमा की आकृति (कला) से चलता है। यह बेहद ही चंचल है। इसका समय ढाई दिन तक रहता है। यह किसी भी राशि में तीन दिन भी पूरे नहीं कर पाता। चंद्रमा के हिसाब से ही हिंदू पंचांग चलता है। यह हर एक राशि में परिवर्तित होता रहता है, जिससे तिथि के समय पर भी असर पड़ता है। इसलिए कहते हैं कि चंद्रमा की चंचलता से तिथियां बदलती रहती हैं।"
उन्‍होंने आगे कहा, "इस बार रक्षाबंधन पर भद्राकाल पड़ रहा है। भद्राकाल क्‍या है इस बारे में आज युवा विस्‍तार से जानना चाहते हैं, क्‍यों‍कि आज की जनरेशन हर चीज के पीछे का कारण जानना चाहती है, और हम भी यह चाहते हैं कि ज्योतिषी शास्‍त्र के माध्‍यम से यह बात सभी को पता चले कि आखिर भद्राकाल है क्‍या?"
भद्राकाल के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, "पौराणिक कथाओं के अनुसार माना जाता है कि भद्रा भगवान सूर्य और छाया की पुत्री है। इसे शनि देव की बहन के रूप में जाना जाता है। वैसे तो भद्रा का जन्‍म राक्षसों का नाश करने के लिए हुआ था, मगर वह उल्‍टा देवताओं के कामों में बाधा डालने लगी।"
उन्होंने आगे बताया, "भद्रा के इन्हीं कामों की वजह से ब्रह्माजी ने उन्‍हें श्राप दिया कि लोग भद्राकाल में जो भी शुभ काम करेंगे, वह अशुभ फल देगा। कथाओं में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि रावण को उनकी बहन ने भद्राकाल में ही राखी बांधी थी, जिसके चलते भगवान राम के हाथों उसकी मौत हुई।"
उन्होंने आगे कहा, "इसलिए, भद्राकाल में भाई की कलाई पर राखी नहीं बांधनी चहिए। इससे कई तरह के गलत प्रभाव हो सकते हैं। आपके भाई के जीवन में कष्‍ट आ सकते हैं। रक्षा बंधन पर दोपहर 1 बजकर 30 मिनट तक भद्राकाल रहेगा। इसके बाद आप रात 9 बजकर 30 मिनट तक कभी भी अपने भाई को राखी बांध सकते हैं।"
भद्राकाल में राखी बांधने के उपाय पर बात करते हुए गायत्री शर्मा ने कहा, "ज्योतिषी शास्त्र में हर चीज का उपाय दिया गया है। भद्राकाल में अगर आप राखी बांधना चाहते हैं तो इसके लिए भगवान गणेश के सामने प्रार्थना करें। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है, वह भक्‍तों के सभी कष्‍टों को हर लेते हैं। इस रक्षाबंधन पर आपको भद्राकाल के अशुभ फल से बचने के लिए भगवान गणेश के चरणों में राखी को रखकर प्रार्थना करते हुए अपने भाई को राखी बांध सकते हैं। इससे भद्राकाल का सारा प्रभाव खत्‍म हो जाएगा।"
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