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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
मुजफ्फरपुर: कृषि कानूनों के खिलाफ देश में बड़े आंदोलन का नेतृ्त्व कर चुके राकेश टिकैत ने एक बार फिर से धरना-प्रदर्शन का ऐलान किया है. बुधवार को मुजफ्फरपुर में राकेश टिकैत ने कहा कि 26 नवंबर 2020 को दिल्ली के बार्डर पर आंदोलन की शुरुआत हुई थी. इसके बाद सरकार ने आंदोलन खत्म करने के लिए कई वादे किए. राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने जो वादे किये थे वो आज तक पूरे नहीं किए गए हैं. ऐसे में किसान फिर से आंदोलन करने को विवश हुए हैं. इसकी शुरुआत एक बार फिर से उसी 26 नवंबर को की जाएगी.
राकेश टिकैत ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा किसानों के साथ मिलकर अब 26 नवम्बर को देश के सभी राज्यों की राजधानी पर धरना प्रदर्शन कर एक ज्ञापन गवर्नर के नाम अपनी मांगों को लेकर वहां के जिला प्रशासन को देगा.
बता दें कि 26 नवम्बर को दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन शुरु हुआ था. राकेश टिकैत ने कहा कि जब किसानों से आंदोलन खत्म करने को कहा गया था तो सरकार ने कई वादे किए थे लेकिन ये वादे पूरे नहीं हुए हैं.
राकेश टिकैत ने कहा, "सरकार ने MSP की मांग पूरी नहीं की है, न ही गन्ने के दाम की और न ही स्थानीय मुद्दों को ही हल किया. इसके बारे में गवर्नर को ज्ञापन दिया जाएगा. " किसान नेता टिकैत ने कहा कि सरकार पुलिस की मदद से आंदोलन को दबा रही है जो कोई बोलता है उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया जाता है. राकेश टिकैत ने कहा कि दबाने से हुकूमत नहीं चलती है, हुकूमत बातचीत करने से चलती है.
बात दें कि हाल ही में खबरें आई थी कि लहसून और प्याज के उत्पादक किसानों को इनकी उपज का बेहद कम मूल्य प्राप्त हुआ है. एमपी में किसानों को लहसून फेंकने पर मजबूर होना पड़ा था. इन्ही मुद्दों पर राकेश टिकैत ने प्रदर्शन का ऐलान किया है. इसी प्रदर्शन में आगे की रुप-रेखा भी तय की जाएगी.
राकेश टिकैत ने पीएफआई पर लगाई गई 5 साल के बैन पर भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि ये पीएफआई है क्या चीज? ये हर किसी को नहीं पता है कि ये क्या बीमारी है? सरकार को इसकी जानकारी देनी चाहिए की ये कैसा संगठन है और इसके लीडर कौन हैं? इनसे किसी को जुड़ना नहीं चाहिए और इनके फोटो को भी चौराहों पर लगवाने चाहिए.
jantaserishta.com
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