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'21वीं सेंचुरी आइकॉन अवार्ड' से राकेश टिकैत हुए सम्मानित, आंदोलन में मृतक किसानों को किया समर्पित

Kunti Dhruw
11 Dec 2021 2:18 PM GMT
21वीं सेंचुरी आइकॉन अवार्ड से राकेश टिकैत हुए सम्मानित, आंदोलन में मृतक किसानों को किया समर्पित
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केंद्र सरकार की ओर से पिछले साल लाए 3 कृषि कानूनों के खिलाफ पुरजोर आंदोलन करने वाले और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (rakesh tikait) को लंदन में 21वीं सेंचुरी आइकॉन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है.

केंद्र सरकार की ओर से पिछले साल लाए 3 कृषि कानूनों के खिलाफ पुरजोर आंदोलन करने वाले और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (rakesh tikait) को लंदन में 21वीं सेंचुरी आइकॉन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है. लंदन में 21वीं सेंचुरी आइकॉन अवॉर्ड मिलने पर किसान नेता राकेश टिकैत ने ट्विट कर कहा कि यह अवॉर्ड आंदोलन में शहीद किसान साथियो को समर्पित, और उन्हें श्रद्धांजलि.

दरअसल, किसान नेता राकेश टिकैत को लंदन में हर साल आयोजित होने वाला 21वीं सेंचुरी आइकॉन अवॉर्ड से नवाजा गया है. राकेश टिकैत को ये अवॉर्ड अभी तक के सबसे बड़े कृषि आंदोलन को चलाने और सफल बनाने के लिए दिया गया है. कृषि कानून वापस लिए जाने की घोषणा के बाद लंदन की कंपनी ने इस अवॉर्ड के लिए राकेश टिकैत को फाइनलिस्ट के तौर पर नामांकन किया था और 10 दिसंबर को अवॉर्ड की घोषणा की गई थी.2017 में हुई थी अवॉर्ड की शुरुआत
लंदन की स्क्वेयरड वाटरमेलन कंपनी दुनिया के लिए मिसाल बनने वाली शख्सियतों को हर साल आइकॉन अवॉर्ड देती है. इस अवार्ड की शुरुआत 2017 में हुई थी. इससे पहले 4 भारतीयों को भी 21वीं सेंचुरी आइकॉन अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है, जिसमें सोनू निगम और शंकर महादेवन का नाम भी शामिल है.

इस बीच केंद्र सरकार की ओर से कृषि कानूनों को वापस लिए जाने और कई मांगों को माने जाने के बाद किसानों ने अपना आंदोलन खत्म कर दिया है. संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्र सरकार के बीच कई मुद्दों पर बनी सहमति के बाद किसान संगठनों ने आज शनिवार सुबह दिल्ली बॉर्डर्स से रवाना होना शुरू कर दिया. इस दौरान किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि वापसी के अभियान में अभी चार-पांच दिन लगेंगे.
गुरु पूर्णिमा के दिन PM ने किया था ऐलान
गाजीपुर बॉर्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत ने प्रदर्शनस्थल को खाली किए जाने की बात पर कहा कि किसानों का एक बड़ा ग्रुप कल रविवार सुबह 8 बजे इस क्षेत्र को खाली कर देगा. हमारे किसान भाइयों ने घर वापसी शुरू कर दी है. मैं यहां से 15 दिसंबर को निकलूंगा.
इससे पहले गुरु पूर्णिमा के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में विवादित तीनों नए कृषि कानूनों वापस लेने का ऐलान कर दिया था. इसके बाद 29 नवंबर को संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों में कृषि कानून को वापस लेने वाले विधेयक पारित करा दिए गए. इस कदम के बाद सरकार और संयुक्त किसान मोर्चा में ज्यादातर मुद्दों पर सहमति बन गई है.
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