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राज्यसभा सांसद महेंद्र प्रसाद का निधन

jantaserishta.com
27 Dec 2021 3:56 AM GMT
राज्यसभा सांसद महेंद्र प्रसाद का निधन
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पटना. मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के राज्‍यसभा सदस्‍य किंग महेंद्र उर्फ महेंद्र प्रसाद का निधन हो गया है. उन्‍होंने दिल्‍ली के अपोलो अस्‍पताल में रविवाद को आधी रात के बाद तकरीबन 12:30 बजे अंतिम सांस ली. JDU सांसद लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनका अस्‍पताल में लगातार इलाज चल रहा था, लेकिन उन्‍हें बचाया नहीं जा सका. किंग महेंद्र की उम्र तकरीबन 81 साल की थी.

बिहार का प्रतिनिधित्‍व करने वाले महेंद्र प्रसाद उर्फ किंग महेंद्र सबसे धनी सांसदों में से एक थे. उनकी एरिस्‍टो फर्मास्‍यूटिकल और माप्रा लैबोलेटरीज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से दो दवा कंपनियां भी हैं. वर्ष 1940 में जन्‍मे किंग महेंद्र जदयू से काफी लंबे समय से जुड़े थे. महेंद्र प्रसाद को उनके तेज-तर्रार रवैये के लिए भी जाना जाता था. साथ वह प्रभावशाली पूंजीपति नेताओ में से एक थे.
मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने जताया शोक
जदयू के राज्‍यसभा सदस्‍य किंग महेंद्र के निधन पर बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरा शोक जताया है. उन्‍होंने सांसद के भाई उमेश शर्मा और पुत्र राजीव शर्मा को फोन कर सांत्‍वना दी है. नीतीश कुमार ने कहा कि किंग महेंद्र के निधन से राजनीतिक और अधोगिक जगत को अपूरणीय क्षति हुई है. किंग महेंद्र लंबे समय से जदयू से जुड़े थे.
1985 से संसद सदस्‍य
किंग महेंद्र वर्ष 1985 से राज्‍यसभा सदस्‍य थे. वह पहली बार साल 1980 में लोकसभा के लिए चुने गए थे. तीन दशक से भी ज्‍याद समय से वह संसद सदस्‍य रहे थे. सबसे पहले वह कांग्रेस की ओर से पार्लियामेंट पहुंचे थे. इसके बाद वह जनता दल से जुड़ गए थे. बाद में किंग महेंद्र लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्‍ट्रीय जनता दल से से राज्‍यसभा के लिए नामांकित किए गए थे. 4 हजार करोड़ रुपये से भी ज्‍यादा संपत्ति के मालिक किंग महेंद्र ने राजद का दामन छोड़ कर जनता दल यूनाइटेड में शामिल हो गए थे. बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी ने उन्‍हें लगातार 3 बार राज्‍यसभा भेजा था.
युवा अवस्‍था में ही चले गए थे मुंबई
किंग महेंद्र का जन्‍म वर्ष 1940 में जहानाबाद के गोविंदपुर गांव में एक मध्‍यवर्गीय भूमिहार परिवार में हुआ था. उनमें बचपन से ही बिजनेस करने का जुनून था. यही वजह थी कि वह युवा अवस्‍था में ही मुंबई चले गए थे. तब वह न तो मुंबई शहर को जानते थे और न किसी प्रभावशाली व्‍यक्ति को. इसी दौरान उन्‍होंने संप्रदा सिंह की फार्मा कंपनी में काम करना शुरू कर दिया था. बता दें कि संप्रदा सिंह का ताल्‍लुक भी जहानाबाद से ही था. वह भी एक भूमिहार परिवार से आते थे. किंग महेंद्र ने 31 वर्ष की उम्र में अपनी खुद की कंपनी एरिस्‍टो फार्मास्‍यूटिकल शुरू कर दी थी.


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