राज्यसभा चुनाव: जहां ठहरे हैं विधायक, वहाँ राजस्थान सरकार ने बंद कर दी इंटरनेट सेवा
राजस्थान। राज्यसभा चुनाव (10 जून) से पहले राजनीतिक दलों ने विधायकों को हॉर्स ट्रेडिंग से बचाने के लिए तरह-तरह के जतन शुरू कर दिए हैं. पिछले कुछ दिनों से रिसॉर्ट पॉलिटिक्स का दौर जारी है. इस बीच अब राजस्थान में कांग्रेस ने जिस इलाके में अपने विधायकों को ठहराया है. वहां इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. आमेर तहसील क्षेत्र में गुरुवार रात से शुक्रवार सुबह 9 बजे तक 12 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. यह आदेश पुलिस आयुक्त की अनुशंसा पर संभागीय आयुक्त विकास भाले दिया है. आदेश में कहा गया है कि आमेर क्षेत्र में प्रतिरक्षित व्यक्तियों का आवागमन-ठहराव है. इसलिये प्रतिरक्षित व्यक्तियों की सुरक्षा के खतरे को देखते हुए यह फैसला किया गया है.
कांग्रेस के सभी विधायकों को जयपुर के आमरे तहसील के लीला पैलेस में रोका गया है. उनके आते ही पूरे इलाके में सरकार ने इंटरनेट सेवा बंद कर दी है. दरअसल, कांग्रेस को अपने विधायकों से संपर्क साधे जाने का डर सता रहा है.
दरअसल, राजस्थान की 4 राज्यसभा सीटों के लिए 5 उम्मीदवार मैदान में हैं. निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा ने मैदान में उतरकर कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है. राजस्थान विधानसभा में कुल 200 विधायक हैं. ऐसे में एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए 41 वोट चाहिए. बीजेपी के पास फिलहाल 71 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास 109 विधायक हैं. इस तरह बीजेपी के घनश्याम तिवाड़ी की 41 वोट के साथ जीत तय है और उसके बाद 30 वोट अतिरिक्त बचते हैं. इस तरह बीजेपी के समर्थन के बाद सुभाष चंद्रा को जीत के लिए सिर्फ 11 वोट और चाहिए होंगे.
कांग्रेस के पास फिलहाल 109 विधायकों के अलावा 13 निर्दलीय, 2 सीपीएम और दो बीटीपी के विधायक हैं. सुभाष चंद्रा का गणित है कि बीजेपी के 30 अतरिक्त वोटों के अलावा 3 आरएलपी, 2 बीटीपी और 6 निर्दलीय विधायक उनके साथ आ जाएंगे.
राजस्थान की 4 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होना है. कांग्रेस ने रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को उम्मीदवार बनाया है. वहीं भाजपा ने घनश्याम तिवाड़ी को प्रत्याशी बनाया है. इसके अलावा भाजपा ने चौथी सीट के लिए उतरे सुभाष चंद्रा को भी समर्थन देने का ऐलान किया है. अब कांग्रेस के 1 प्रत्याशी की टक्कर सुभाष चंद्रा से होने वाली है.